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RGA news
कैदी और उनके स्वजन एक दूसरे से मोबाइल फोन या फिर वीडियो के जरिए बात कराई जा रही है।
राजकीय सम्प्रेक्षण गृह में बंद बाल कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड ने बाल कैदियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे जिसके बाद 15 बाल कैदियों को रिहा कर स्वजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
रुद्रपुर : कोरोना काल में सामान्य अपराध में सजा काट रहे 15 विचाराधीन बाल कैदियों को अंतरिम जमानत पर रिहा कर दिया गया है। प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड के आदेश के बाद रिहा बाल कैदियों को उनके स्वजनों के सुपुर्द कर दिया गया है। जबकि 10 बच्चों को कोविड नियमों का पालन करते हुए राजकीय सम्प्रेक्षण गृह में रखा गया है।
हत्या, लूट, डकैती, दुष्कर्म, चोरी, मारपीट समेत अन्य वारदात में पकड़े गए नाबालिगों को राजकीय सम्प्रेक्षण गृह भेजा जाता है। रुद्रपुर के राजकीय सम्प्रेक्षण गृह में फिलहाल अलग-अलग अपराध में सजा काट रहे 11 से 18 वर्ष के 25 बाल कैदी बंद हैं। वर्ष 2020 में कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया था। इस दौरान जेलों में बंद सजायाफ्ता कैदी और विचाराधीन बंदियों की रिहाई के साथ ही राजकीय सम्प्रेक्षण गृह में बंद बाल कैदियों को भी अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था। इस साल एक बार और कोरोना संक्रमण तेजी से फैला, जिससे रोजाना हजारों लोग कोरोना पॉजिटिव हुए तो सैकड़ों लोगों की मौत हुई। ऐसे में राजकीय सम्प्रेक्षण गृह में बंद बाल कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड ने बाल कैदियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए थे, जिसके बाद राजकीय सम्प्रेक्षण गृह में सामान्य अपराध में सजा काट रहे 15 बाल कैदियों को रिहा कर स्वजनों के सुपुर्द कर दिया गया है।
फोन के जरिए कर रहे संपर्क
कोरोना काल में राजकीय सम्प्रेक्षण बाल गृह में बंद बाल कैदियों को संक्रमण की वजह से उनके स्वजनों से मिलवाना बंद कर दिया गया है। सहायक अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद पांडेय ने बताया कि बंद कैदी और उनके स्वजन एक दूसरे से मोबाइल फोन या फिर वीडियो के जरिए बात कराई जा रही है।
भोजन में मिल रहा पौष्टिक आहार, हो रही जांच
राजकीय सम्प्रेक्षण गृह में 25 बाल कैदी थे, जिसमें से 15 को रिहा कर दिया गया है। हालांकि बीच-बीच में पकड़े गए बाल कैदियों को राजकीय सम्प्रेक्षण गृह भेज रहा है। ऐसे में बाल कैदियों की इम्युनिटी बढ़ाने के लिए पौष्टिक आहर दिया जा रहा है। सहायक अधीक्षक राजेंद्र प्रसाद पांडेय ने बताया कि नियमित रूप से बाल कैदियों की जिला अस्पताल के चिकित्सक स्वास्थ्य जांच भी कर रहे हैं।
सहायक अधीक्षक राजकीय सम्प्रेक्षण गृह राजेंद्र प्रसाद पांडेय ने बताया कि कोरोना संक्रमण फैल रहा है। प्रधान मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर राजकीय सम्प्रेक्षण गृह में विचाराधीन बंद 15 बाल कैदियों को अलग-अलग दिनों में रिहा कर दिया गया है। शेष बाल कैदियों को कोविड 19 नियमों के तहत सम्प्रेक्षण गृह में रखा गया है।