बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए तैयार हो रहा मजबूत कवच, 20 जून तक यूपी हर जिले में तैयार हो जाएंगे PICU

Praveen Upadhayay's picture

RGA news

उत्तर प्रदेश में पीडियाट्रिक आइसीयू (पीकू) हर जिले में तैयार किए जा रहे हैं।

प्रदेश भर में बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए मजबूत कवच तैयार किया जा रहा है। पीडियाट्रिक आइसीयू (पीकू) हर जिले में तैयार किए जा रहे हैं। वहीं 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों को टीकाकरण में प्राथमिकता 

लखनऊ कोरोना की तीसरी संभावित लहर में बच्चों के संक्रमित होने के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार युद्ध स्तर पर कार्य करने में जुटी हुई है। बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए मजबूत कवच तैयार किया जा रहा है। पीडियाट्रिक आइसीयू (पीकू) हर जिले में तैयार किए जा रहे हैं। वहीं 12 वर्ष से कम आयु के बच्चों के अभिभावकों को टीकाकरण में प्राथमिकता मिलेगी, ताकि बच्चों को संक्रमण के हर खतरे से महफूज रखा जाए।

महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डा.डीएस नेगी ने बताया कि प्रत्येक जिले में चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) पर 10-10 बेड के पीकू, जिला अस्पतालों में 20-20 बेड व मंडलीय अस्पतालों में 40-40 बेड के पीकू तैयार किए जा रहे हैं। वहीं मेडिकल कालेजों में सौ-सौ बेड का पीकू तैयार हो रहा है। फिलहाल 20 जून तक इसे तैयार कर लिया जाएगा। उधर एक जून से हर जिले में अभिभावकों के टीकाकरण के लिए विशेष केंद्र बनाए जा रहे हैं। वहीं बच्चों के लिए अभी वैक्सीन बनी नहीं है, इसके लिए अभी ट्रायल चल रहा है। आगे ट्रायल सफल होने पर केंद्र के निर्देश पर टीका लगाया जाएगा। उधर केजीएमयू के पीडियाट्रिक आर्थोपेडिक विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय ङ्क्षसह कहते हैं कि अभिभावकों को अब खुद और बच्चों दोनों को कोरोना से बचाने की जिम्मेदारी निभानी है। सरकार की ओर से जो प्रयास किए जा रहे हैं, वह तो ठीक हैं, लेकिन बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए अभिभावकों को जागरूक होना होगा। कोरोना से बचाव के लिए जरूरी प्रोटोकाल का उन्हें सख्ती से पालन करना होगा। बच्चों को भी डबल मास्क लगाकर ही बाहर निकलने दें। वैसे अच्छा होगा कि वह घर पर ही रहें। साबुन पानी से बार-बार हाथ धोने और सैनिटाइजर का प्रयोग करना चाहिए।

स्कूलों में अभी आनलाइन पढ़ाई ही कराएं: प्रो.अजय ङ्क्षसह के अनुसार संक्रमण घटने पर अनलाक की स्थिति में भी स्कूलों को अभी खोलना ठीक नहीं होगा, क्योंकि इससे संक्रमण फैलने की आशंका रहेगी। ऐसे में अभी आनलाइन पढ़ाई ही कराई जाए। पढ़ाई को किस तरह तनाव मुक्त बनाया जाए इस पर भी ध्यान देना होगा। स्कूलों को चाहिए कि वह बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ बेहतर सेहत बनाने और बीमारी से बचाव के उपाय भी बताएं।

Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.