विशेषज्ञों ने कहा- ग्लेशियर में नहीं है कोई दरार, चोटियों पर सब कुछ सामान्य

Praveen Upadhayay's picture

RGA news

चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी के कैचमेंट एरिया में ग्लेशियर में दरार के दावे को विशेषज्ञों ने खारिज कर दिया।

चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी के कैचमेंट एरिया में ग्लेशियर में दरार के दावे को विशेषज्ञों ने खारिज कर दिया है। विशेषज्ञों के एक दल ने शनिवार को क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी।

देहरादून: चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी के कैचमेंट एरिया में ग्लेशियर में दरार के दावे को विशेषज्ञों ने खारिज कर दिया है। विशेषज्ञों के एक दल ने शनिवार को क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी। रिपोर्ट में कहा गया है कि उच्च हिमालयी क्षेत्र में कहीं कोई दरार नहीं है, सब कुछ सामान्य है। इतना जरूर है कि एक जगह चोटी से भूस्खलन हुआ है। उन्होंनेे उच्च हिमालयी क्षेत्र में एवलॉन्च के साथ इस तरह की घटना को सामान्य बताया। दूसरी ओर सचिव आपदा प्रबंधन एसए मुरुगेशन ने कहा कि रिपोर्ट मिल गई है। वहां खतरे जैसी कोई बात नहीं है।

बीती सात फरवरी को ऋषिगंगा कैचमेंट क्षेत्र में रौंथी पर्वत के हैंगिंग ग्लेशियर के टूटने से जल प्रलय निकली थी। अब इस कैचमेंट क्षेत्र (नंदा देवी बायोस्फियर रिजर्व) के रैणी गांव के लोग यह दावा कर रहे थे कि ग्लेशियर में फिर दरारें दिख रही हैं। पिछले कुछ दिनों से इंटरनेट मीडिया पर ग्रामीणों का यह दावा वायरल हो रहा है। लिहाजा, किसी भी खतरे से निपटने व ग्रामीणों के दावों की सत्यता की परख के लिए उत्तराखंड शासन ने हेलीकॉप्टर से शनिवार सुबह विशेषज्ञों की टीम को ऋषिगंगा कैचमेंट क्षेत्र के लिए रवाना किया।

टीम में शामिल उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसैक) निदेशक डॉ. एमपीएस बिष्ट व आपदा प्रबंधन एवं न्यूनीकरण केंद्र के अधिशासी निदेशक डॉ. पीयूष रौतेला ने क्षेत्र की चोटियों का हवाई सर्वे किया। शासन को भेजी गई रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा कि चोटियों पर सब सामान्य है। हालांकि उन्होंने चिंता व्यक्त की है कि नंदा देवी बायोस्फियर क्षेत्र, जिसके तहत ऋषि गंगा कैचमेंट भी आता है, उसके उच्च क्षेत्रों में अनियंत्रित गतिविधियां संकट खड़ा कर सकती हैं। विशेषज्ञों की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक उच्च क्षेत्रों में जड़ी-बूटियों की तस्करी के लिए तमाम टेंट लगाए गए हैं। संरक्षित वन क्षेत्र में इस तरह की टेंटिंग को खतरनाक बताया गया है। 

ऋषिगंगा कैचमेंट क्षेत्र की चोटियों की स्थिति जानने को टीम रवाना

गोपेश्वर: ऋषिगंगा की चोटियों में ग्लेशियर/हिमखंडों में दरार पडऩे के ग्रामीणों के दावों की सत्यता जानने को जिला प्रशासन ने आइटीबीपी, एसडीआरएफ, ङ्क्षसचाई विभाग के अधिकारियों समेत एक प्रशिक्षु आइएएस अधिकारी को रवाना किया है। यह टीम भी प्रशासन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.