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दून के चंदरनगर स्थित सीएमओ कार्यालय में चार बाइक एंबुलेंस खड़ी थी।
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच आक्सीजन व आइसीयू बेड के अलावा अगर किसी चीज की दिक्कत रही तो वह है एंबुलेंस। इनका मिलना मुश्किल ही नहीं हो रहा था बल्कि मरीजों से मनमाना शुल्क तक वसूला जा रहा था।
देहरादून: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच आक्सीजन व आइसीयू बेड के अलावा अगर किसी चीज की दिक्कत रही तो वह है एंबुलेंस। इनका मिलना मुश्किल ही नहीं हो रहा था, बल्कि मरीजों से मनमाना शुल्क तक वसूला जा रहा था। पर सरकारी तंत्र है कि इस मुश्किल वक्त में भी लापरवाह बना रहा। दून के चंदरनगर स्थित सीएमओ कार्यालय में चार बाइक एंबुलेंस खड़ी थी। कोरोना की दूसरी लहर में इनका इस्तेमाल तक नहीं किया गया। जबकि कई मरीजों को ऑटो या ई-रिक्शा तक में अस्पताल पहुंचाया गया।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अनूप डिमरी का कहना है कि ये एंबुलेंस दान में मिली थी, जो सीधे कुंभ में चली गई। इनके संचालन के लिए प्रशासन से चालक मांगे गए हैं। कोरोनाकाल में इन्हें खुले में चलाया जाना व्यावहारिक भी नहीं था। उधर, चंदरनगर में 108 एंबुलेंस कार्यालय के सामने करीब 120 एंबुलेंस सड़ रही हैं और उनके टायर गल रहे हैं, लेकिन उनकी नीलामी नहीं हो पा रही है। 108 के प्रोजेक्ट मैनेजर अनिल शर्मा कहते हैं कि डीजी हेल्थ स्तर पर नीलामी प्रक्रिया गतिमान है।
49 दंत चिकित्सकों की नियुक्ति
देहरादून जिले को विभिन्न अस्पतालों के लिए 49 दंत चिकित्सक मिल गए हैं। एनएचएम के तहत इनकी नियुक्तियां की गई हैं। यह चिकित्सक कोरोना सैंपलिंग एवं टीकाकरण में ड्यूटी करेंगे। चंदरनगर स्थित स्वास्थ्य विभाग के प्रशिक्षण केंद्र में एसीएमओ एनएचएम डॉ. दिनेश चौहान ने नियुक्ति पत्र इन्हेंं सौंपे। उन्होंने बताया कि अस्पतालों एवं फील्ड में इन डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। इनकी नियुक्ति 2022 तक की गई है।