खौंफनाक मंजर से डरे तमाम लोगोंं ने जिंदगी भर के लिए की शराब की तौबा

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RGA news

अब इस डरावने माहौल के बाद गांव शायद ही कोई शराब पिए।

ग्रामीण का दावा है कि गांव में 50 फीसद से ज्यादा लोग शराब पीते हैं। काेई देशी पीता है तो कोई अंग्रेजी का शौकीन है लेकिन अब इस डरावने माहौल के बाद गांव शायद ही कोई शराब पिए। इससे पहले गांव पर कभी इतना बुरा वक्त नहीं आया।

अलीगढ़, जहरीली शराब से मौत का तांडव देख करसुआ गांव के लोग सहम गए हैं। यहां दो दिन में 10 से अधिक लोगों की जान चुकी है। इसी खौंफनाक मंजर से डरे तमाम लोगों ने जिदंगी भर के लिए शराब से तौबा कर ली है। ग्रामीण का दावा है कि गांव में 50 फीसद से ज्यादा लोग शराब पीते हैं। काेई देशी पीता है तो कोई अंग्रेजी का शौकीन है, लेकिन अब इस डरावने माहौल के बाद गांव शायद ही कोई शराब पिए। इससे पहले गांव पर कभी इतना बुरा वक्त नहीं आया।

गांव ने 10 लोगों को खो दिया 

जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर करसुआ गांव की तीन हजार के करीब आबादी है। ग्रामीण बताते हैं कि गांव से 200 मीटर दूर ही देशी शराब का ठेका है। थोड़ी से दूरी पर ही अंग्रेजी शराब मिलती है। ऐसे में गांव के 50 फीसद पुरुष शराब का सेवन करते हैं, लेकिन अब जहरीले शराब के मंजर ने सभी को अंदर से हिला कर दिया है। अब हर कोई डरा रहा हुआ। शराब पीना तो दूर अब तक लोग इससे नाम से भी डर रहे हैं। प्रेम प्रकाश, श्याम पाल का कहना है कि शराब के चक्कर में इस गांव ने 10 लोगों को खो दिया गया है। अब वह जिंदगी भर शराब न पीने का वचन लेते हैं।

कार डूबने से एक साथ छह लोगों की गई थी जान

करसुआ गांव में पहले कभी इनती मौतें एक साथ नहीं हुईं। अब तक चिता की राख ठंडी नहीं होती है, उससे पहले दूसरे की अर्थी शमशान पहुंच जाती है। शनिवार दोपहर एक बजे तक यहां नौ लोगों की चिंताएं जल चुकी थीं। गांव के बुुजुर्ग बताते हैं कि पिछले 70-80 सालों में कभी इतना बुरा वक्त नहीं आया। दो साल पहले सोफा नहर में एक कार डूब गई थी। इसमें सबसे अधिक एक साथ गांव के पांच लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन यह मंजर उससे भी भयंकर है।जहरीले शराब की वजह से पूरा गांव इन दिनों बुर वक्त से गुजर रहा है। इस भयाभय मंजर को देख उम्मीद है कि अब गांव के लोगों में सुधार आएगा।

सुनील कुमार, करसुआ

 समझाने के बाद भी गांव के लोग शराब बिना पिए मानते नहीं था। 50 फीसद से ज्यादा लोग शराब का सेवल करते हैं, लेकिन अब लोग शराब से तौबा कर रहे हैं।

राजेंद्र खलीफा, करसुआ

दो साल पहले गांव में कार नहर में डूब जाने से पांच लोगों की मौत हो गई थी, लेकिन यह मंजर उससे भी खतनराक है। जहरीले शराब के चलते अधिकतर युवाओं की ही जान गई है।

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