UP: MSP पर गेहूं खरीद का अधिक किसानों लाभ पहुंचाने के लिए नई योजना, क्रय केंद्रों पर अब यह व्यवस्था.

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यूपी में एमएसपी पर गेहूं खरीद का अधिक से अधिक किसानों लाभ पहुंचाने को नई योजना शुरू की गई है।

उत्तर प्रदेश में कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराते हुये कृषक हित में खरीद की जा रही है। इस वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। गेहूं की खरीद 15 जून तक जारी रहेगी

लखनऊ उत्तर प्रदेश सरकार ने अधिक से अधिक किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना (एमएसपी) का लाभ दिलाने के लिए क्रय केंद्रों पर सप्ताह में चार दिन (सोमवार से गुरुवार) एक किसान से अधिकतम 50 क्विंटल ही गेहूं खरीद की योजना बनाई है। इसके साथ ही सप्ताह के शेष दो दिनों में यानी शुक्रवार व शनिवार को प्रति किसान 50 क्विंटल से अधिक गेहूं खरीद की जा सकेगी। यह व्यवस्था 31 मई से प्रभावी होगी।

खाद्य आयुक्त मनीष चैहान ने बताया कि रबी विपणन वर्ष 2021-22 में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के तहत एक अप्रैल 2021 से गेहूं खरीद की जा रही है। प्रदेश में खाद्य एवं रसद विभाग तथा अन्य क्रय एजेंसियों के 5678 क्रय केंद्र संचालित हैं। अब तक 7,71,504 किसानों से कुल 37.63 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई है, जिसका मूल्य 7431.27 करोड़ रुपये है। पिछले वर्ष पूरी क्रय अवधि में कुल 35.76 लाख मीट्रिक टन खरीद की गई थी।

खाद्य आयुक्त मनीष चैहान ने बताया कि इस वर्ष गेहूं की खरीद के लिए खाद्य विभाग के पोर्टल पर 14,81,773 किसानों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया है। पिछले वर्ष गेहूं खरीद के लिए 7,94,484 किसानों ने पंजीकरण कराया था। इस वर्ष किसानों ने रिकार्ड पंजीकरण कराया है। आयुक्त ने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराते हुये कृषक हित में खरीद की जा रही है। इस वर्ष गेहूं का समर्थन मूल्य 1975 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। गेहूं की खरीद 15 जून तक जारी रहेगी

कम गेहूं खरीद वाले केंद्र प्रभारियों से जवाब मांगा : कम गेहूं खरीद करने वाले क्रय केंद्र प्रभारियों से जवाब मांगा गया है। कोरोना महामारी के बावजूद गत वर्ष की अपेक्षा अब तक अधिक गेहूं खरीदने के साथ किसानों को भुगतान भी करा दिया गया है। कृषि मंत्री सूर्यप्रताप शाही ने किसानों के भुगतान में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।उन्होंने कहा कि किसानों को किसी प्रकार की भी असुविधा नहीं होनी चाहिए। सभी क्रय केंद्रों पर सेनेटाइजर, साबुन-पानी, थर्मामीटर की व्यवस्था की जाए। क्रय केंद्रों पर पड़े हुए खाद्यान्न को शीघ्र उठाकर सुरक्षित स्थानों पर रखा जाए। उन्होंने करीब एक दर्जन जिलों में कम गेहूं खरीद पर नाराजगी भी जतायी। घटतौली की शिकायत मिलने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।

किसानों को शतप्रतिशत उर्वरक उपलब्ध करायेगी सरकार : शासन ने किसानों को गुणवत्तायुक्त रासायनिक उर्वरक उपलब्ध कराने तथा उर्वरक का शतप्रतिशत वितरण सुनिश्चित कराने का कड़ा निर्देश दिया है। इसे लेकर सभी मंडलायुक्त व जिलाधिकारियों को विस्तृत निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) मशीन के जरिए उर्वरक की बिक्री के बाद सभी किसानों को कैश मेमो या पर्ची उपलब्ध कराई जाए। डीएपी व एनपीके उर्वरकों की बिक्री बोरी पर अंकित अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक दर पर बिक्री करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं।

उर्वरकों की उपलब्धता व वितरण व्यवस्था : अपर मुख्य सचिव, कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने बताया कि उर्वरकों की उपलब्धता व वितरण व्यवस्था प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए कृषि विभाग, सहकारिता विभाग व अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों को आपस में समन्वय स्थापित कर साप्ताहिक मानीटरिंग सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया गया है। उन्होंने कहा है कि नेपाल के सीमावर्ती जिलों में पांच किमोमीटर क्षेत्र में निजी क्षेत्र का कोई उर्वरक विक्रय केंद्र क्रियाशील नहीं रहना चाहिए। प्रदेश में खरीफ-2021 के लिए यूरिया उर्वरक की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता है। उर्वरकों की उपलब्धता व वितरण के लिए कृषि व राजस्व विभाग की संयुक्त टीम गठित कर सघन रूप से छापे की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिये गये हैं। 

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