पुलिस के दो चेहरे आए सामने, आम आदमी पर सख्ती...रसूखदारों पर रहम

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RGA news

इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरें तो इंस्पेक्टर हजरतगंज ने पीड़ित को सौंपा इलेक्ट्रिक तराजू

निशातगंज चौराहे पर कोरोना कर्फ्यू के दौरान नहीं बन्द हुआ गुड बेकरी। इधर नियम का पालन कर ठेले पर आम बेच रहे युवक का बाट लेकर चले गए पुलिसकर्मी। इंटरनेट मीडिया पर पुलिस की यह करतूत वायरल हुई।

लखनऊ, ठेले पर आम बेचने वाले को नियम का पाठ पढ़ाने से पीछे नहीं हटने वाली लखनऊ पुलिस को रसूख वालों की गलतियां नजर नहीं आती। निशातगंज चौराहे पर गुड बेकरी कोरोना कर्फ्यू में भी खुलती है। यही हाल कैसरबाग चौराहे पर स्थित दुकान का भी है। बावजूद इसके पुलिसकर्मियों के कदम इनकी तरफ कार्यवाही के लिए नहीं उठते हैं। दूसरी ओर, नियम के साथ पेट पालने के लिए निकले आम विक्रेता का बाट पुलिसकर्मी लेकर चले 

ये दो मामले महज उदाहरण हैं। भूमाफिया लल्लू को गिरफ्तार करने वाली पुलिस शनिवार को उसके समर्थकों के आगे नतमस्तक दिखी। नियमों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं, लेकिन इस तरफ किसी अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया। पुलिस का दोहरा रूप अक्सर आम और खास लोगों के बीच देखने को मिला। रविवार को सिटी स्टेशन निवासी दीपू ठेले पर आम बेच रहे थे। वह गांधी सेतु की तरफ ठेलिया लेकर बढ़े तो डालीबाग चौकी इंचार्ज ने कोरोना कर्फ्यू के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए दीपू से बाट छीन लिया। दीपू ठेलिया लगाए आम बेच रहा था। यही नहीं, उसने मास्क भी लगा रखी थी और शारीरिक दूरियों के नियम का पालन कर रहा था।

दारोगा से यह देखा नहीं गया। उन्होंने बाट छीनी और सरकारी बाइक पर हमराही के साथ बैठकर चल दिए। दीपू हाथ जोड़कर उनके आगे पीछे दौड़ता रहा। उसने गुहार लगाई की अगर बाट नहीं रहेगा तो वह किसी को आम तौलकर नहीं बेच पाएगा। आखिर मेरी गलती क्या है। दीपू इधर उधर दौड़ लगाता रहा, लेकिन दारोगा का मन नहीं पसीजा। दारोगा अपनी जिद में थे और उन्होंने एक न सुनी। बाट लेकर चले गए। दीपू मायूस होकर वापस ठेले के पास लौट आया। इंटरनेट मीडिया पर पुलिस की यह करतूत वायरल हुई तो लोग तरह तरह की बातें करने लगे। लोगों ने पुलिस के इस करतूत की जमकर निंदा की।

पुलिस की छवि धूमिल हुई तो लखनऊ पुलिस हरकत में आई। इसके बाद इंस्पेक्टर हजरतगंज श्यामबाबू शुक्ला मातहतों के साथ सिटी स्टेशन स्थित दीपू के घर गए और उसे एक इलेक्ट्रिक तराजू भेंट किया। पुलिस के इस प्रयास को प्रायश्चित माना जा सकता है। हालांकि आए दिन पुलिसकर्मियों की करतूत से विभाग को शर्मसार होना पड़ रहा है। राजधानी की कई बाजारों में बड़े व्यापारी चोरी छिपे दुकानें खोल रहे हैं। इनपर पुलिस भी मेहरबान है वहीं, परिवार पालने के लिए फल व सब्जी बेचने वालों पर पुलिस की सख्ती सवालों के घेरे में है। 

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