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डा. स्वाति मिश्रा, मनोचिकित्सक का कहना है कि प्रतिरोधक क्षमता और मानसिक मजबूती दिलाएगी फंगस से जीत।
डा. स्वाति मिश्रा मनोचिकित्सक का कहना है कि फंगस जिसे विज्ञान की भाषा में म्यूकर माइकोसिस कहा जाता है यह कोई अजूबा नहीं है। यह हमारे पर्यावरण में सालों से मौजूद है। यह ज्यादातर मिट्टी या नमी में पाया जाता है।,
देहरादून। डा. स्वाति मिश्रा, मनोचिकित्सक का कहना है कि फंगस जिसे विज्ञान की भाषा में म्यूकर माइकोसिस कहा जाता है, यह कोई अजूबा नहीं है। यह हमारे पर्यावरण में सालों से मौजूद है। यह ज्यादातर मिट्टी या नमी में पाया जाता है। भले ही यह बीमारी बहुत तेजी से इंसान का जीवन लील रही हो, लेकिन इससे बचाव भी आसान है। सबसे जरूरी है कि अपने शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत रखा जाए। यह सिर्फ उन्हीं व्यक्तियों पर असर करता है जिनका स्वास्थ्य कमजोर होता है। स्वस्थ और अच्छी प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्तियों पर फंगस का कोई असर नहीं होता। इसलिए जरूरी है कि अपनी डाइट में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले खाने को शामिल किया जाए, बाहर का खाना और फास्ट फूड नहीं खाएं।
ध्यान रखें बासी खाना ना खाएं, फ्रिज में बहुत दिनों तक सामान इकठ्ठा ना रखें, घर में सीलन नहीं होने दें। घर के परदे खोल कर रखें ज्यादा से ज्यादा धूप घर में आने दें। शुगर के मरीजों को भी विशेष ध्यान रखने की जरूरत है, क्योंकि डायबिटीज के मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। शुगर पर कंट्रोल रखने, खाने में परहेज करने और नियमित इलाज लेने से काफी हद तक फंगस का खतरा कम हो जाता है।
इन सबके बीच बेहद जरूरी बात यह भी है कि खुद को मानसिक तौर पर मजबूत रखा जाए। लोग कोरोना और फिर फंगस से इतना डर चुके हैं कि अपनी उम्मीद तक खो चुके हैं। निराशा और तनाव के चलते न केवल मानसिक व शारीरिक रूप से भी इंसान कमजोर होता है। बुरी से बुरी परिस्थिति में भी खुद को मजबूत बनाए रखना जरूरी है। जब आप मानसिक तौर पर मजबूत होंगे तभी इन बुरे हालात से जल्द से जल्द उभर सकेंगे।