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20 साल बाद जिस गांव ने रोशन बल्ब देखे, पंखे, टीवी औरवाशिंग मशीनें चलती देखीं वह खुशी से फूला नहीं समा रहा है। लोगों ने संदूकों से निकालकर पंखे और टीवी चलाई, महिलाओं ने कामकाज निपटाकर टीवी सीरियल देखे। उन्हें बिजली किसी नेमत से कम नहीं लग रही है। गांव में उत्सव जैसा माहौल है, हर चेहरे पर खुशी नजर आ रही है। डेढ़ महीने की मुहिम में बिजली अफसरों और जन प्रतिनिधियों ने गांव का दर्द समझते हुए बिजली बहाल कराई।
शीशगढ़ थानाक्षेत्र के गांव गिरधरपुर में करीब 22 साल पहले विद्युतीकरण हुआ था। डेढ़ साल बिजली चलने के बाद ट्रांसफार्मर चोरी हो गया था। इसके बाद से 20 साल तक गांव बिजली को तरसता रहा। तमाम जनप्रतिनिधि वोट मांगने आए और वादे करके चले गए मगर वादा कभी पूरा नहीं हुआ। गांव वाले अफसरों के चक्कर काट-काटकर थग गए। थक-हारकर उन्होंने अपने कनेक्शन कटवा लिए और बिजली आने की आस ही छोड़ दी।
बिजली न होने की वजह से कुंवारे रह गए 35 लोग
गांव के युवाओं की शादियां तक होनी बंद हो चुकी थीं। गांव में करीब 35 ऐसे अधेड़ कुंवारे हैं जिनका रिश्ता बिजली न होने की वजह से नहीं हो सका। ढिबरी की रोशनी में जैसे-तैसे बच्चे पढ़ते थे। बिजली के ढीले तारों पर लोगों ने कपड़े सुखाने शुरू कर दिए थे।
उमस भरी गर्मी में मिली राहत
सोमवती ने बताया कि उनके घर पंखा चला तो पड़ोस के लोग भी आ गए। गर्मी में सबने राहत महसूस की। उमस भरी गर्मी में पेड़ों के नीचे पूरा दिन गुजार देने वालों का अब वक्त नहीं बर्बाद होगा।
टीवी चली तो लगा पूरा हुआ सपना
विजय प्रताप ने बताया कि टीवी चलते ही तमाम लोग जुट गए। महिलाओं ने अपने पसंदीदा सीरियल देखे। उनका कहना था कि टीवी का चलना उन्हें किसी सपने के पूरा होने जैसा लग रहा है।
शोपीस बन चुकी थी वाशिंग मशीन
20 साल से हाथों से कपड़े धाने वाली जयश्री ने बताया कि शादी में मिली वाशिंग मशीन शोपीस बन चुकी थी। उसे देखकर मायूसी होती थी मगर शनिवार को जैसे ही बिजली आई, सारे काम छोड़कर कपड़े धोए। काफी अच्छा लग रहा है।
पानी निकालने में आसानी
देवीदास ने बिजली आने से दो दिन पहले ही मोटर की फिटिंग करा ली। बिजली आने के बाद मोटर चलाया तो काफी मेहनत बच गई। घर के तमाम कार्यों में प्रयोग होने वाला पानी बिना मेहनत के निकाल लिया।
कैंप का है इंतजार
बिजली की लाइनें तैयार होती देखकर ग्रामीण प्रेमपाल वर्मा ने घरेलू कनेक्शन करा लिया था। ग्रामीण कनेक्शन कराने को गांव में बिजली का कैंप लगने का इंतजार कर रहे हैं।