बाबा का नहीं बल्कि बयान का है विरोध, आइएमए प्रांतीय उपाध्यक्ष ने जताई नाराजगी

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कहा कि हमारा विरोध बाबा से नहीं है। हम उनके बयानों से घोर आपित्त है।

आइएमए उपाध्यक्ष डा. पंत ने कहा कि हम रामदेव के योग कार्यों की सराहना करते हैं। उन्होंने जन-जन में योग को फैलाया। दुनिया में नाम रोशन किया। हम आयुर्वेद के भी समर्थक हैं। क्योंकि वह हमारी पुरानी सनातनी परंपरा है। उसका हम सम्मान करते हैं।,

हल्द्वानी : बाबा रामदेव व एलौपैथिक डाक्टरों के बीच चल रहे विवाद की आंच अब कुमाऊं में भी पहुंच गई है। मंगलवार को एलोपैथिक से जुड़े डाक्टरों ने बांह में काला फीता बांधकर विरोध जताया। इस दौरान आइएमए के प्रांतीय उपाध्यक्ष डा. दिनेश चंद्र पंत ने कहा कि हमारा विरोध बाबा से नहीं है। हम उनके बयानों से घोर आपित्त है।

तिकाेनिया स्थित अपने क्लीनिक में बांह में काला फीता बांधे आइएमए उपाध्यक्ष डा. पंत ने कहा कि हम रामदेव के योग कार्यों की सराहना करते हैं। उन्होंने जन-जन में योग को फैलाया। दुनिया में नाम रोशन किया। हम आयुर्वेद के भी समर्थक हैं। क्योंकि वह हमारी पुरानी सनातनी परंपरा है। उसका हम सम्मान करते हैं। इसके साथ ही हमें मार्डन साइंस पर भी ध्यान देना है। डा. पंत ने कहा कि हमारा विरोध इतना है कि बाबा रामदेव डाक्टरों के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी न करें। इसकी हम कड़ी निंदा करते हैं। हमारा व्यक्तिगत रूप से रामदेव से बैर नहीं है।

आइएमए हल्द्वानी महासचिव डा. गौरव सिंघल का कहना है कि बाबा रामदेव ने न केवल एलोपैथिक डाक्टरों को लेकर बेवजह की बातें कर रहे हैं, बल्कि उन्होंने तो भारत सरकार की पूरी स्वास्थ्य प्रक्रिया को सवालों को घेरे में खड़ा कर दिया है। यहां तक कि वैक्सीनेशन को लेकर भी टिप्पणी कर दी। उनके खिलाफ सरकार को ही कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। डा. सिंघल ने बताया कि सभी डाक्टरों ने बांह पर काला फीता बांधकर विरोध जताया।

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