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RGA news
केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय ने कालेजों को फिर दिया मौका।
अपनी आय बढ़ाने के उद्देश्य से लविवि ने केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आवेदन का मौका 31 मार्च तक दिया था। पिछले साल इस प्रकि्रया में 68 कालेजों ने इसमें प्रतिभाग किया था।
लखनऊ, लखनऊ विश्वविद्यालय ने शैक्षिक सत्र 2021-22 में केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने के लिए कालेजों को तीसरा मौका दिया है। अब कालेज 30 जून तक निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन कर सकते हैं। लविवि से सम्बद्ध लखनऊ में 174 कालेज संचालित हैं। पिछले साल कानपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हरदोई, लखीमपुर खीरी, सीतापुर व रायबरेली जिले को मिलाकर 350 कालेज भी लविवि से सम्बद्ध हो गए। अपनी आय बढ़ाने के उद्देश्य से लविवि ने केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आवेदन का मौका 31 मार्च तक दिया था। पिछले साल 68 कालेजों ने इसमें प्रतिभाग किया था। लेकिन इस बार कालेजों ने लविवि के केंद्रीयकृत प्रवेश की व्यवस्था से दूरी बना ली है।
दो बार मौका दिए जाने के बाद भी मात्र 27 कालेजों ने ही आवेदन कर अपनी सहमति दी है। इसी बीच कोरोना की वजह से लॉकडाउन हो गया। लिहाजा, लविवि ने कालेजों को 30 जून तक समय दिया है। प्रोफेशनल पाठ्यक्रम के लिए प्रति महाविद्यालय प्रति कोर्स शुल्क एक लाख रुपये और 18 फीसद जीएसटी होगा। जबकि सामान्य पाठ्यक्रम के लिए प्रति महाविद्यालय प्रति कोर्स का शुल्क 50 हजार रुपये व 18 फीसद जीएसटी है।
27 कालेजों ने लविवि की केंद्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आवेदन किया है। अब उन्हें 30 जून तक आवेदन का मौका दिया है। निर्धारित शुल्क जमा कर वे इसमें शामिल हो सकते हैं। -डा. विनोद कुमार सिंह, कुलसचिव, लविवि
पीजी में आए पिछले साल से 58 फीसद अधिक आवेदन
लखनऊ विश्वविद्यालय के विभिन्न परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अभ्यर्थियों का रुझान बढ़ रहा है। लॉकडाउन के दौरान पिछले साल 31 मई तक 8822 आवेदन आए थे। जबकि इस बार यह आंकड़ा 13,963 पहुंच गया है। सबसे अधिक आवेदन एलएलबी में आए हैं। अभी यूजी, पीजी सहित सभी पाठ्यक्रमों में आवेदन के लिए 30 जून तक मौका है। इससे यह संख्या और बढ़ेगी
कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय ने बताया कि लविवि केन्द्रीयकृत प्रवेश प्रक्रिया के अन्तर्गत परास्नातक और परास्नातक प्रबन्धन के विषयों में छात्रों ने कोरोना महामारी एवं लाकडाउन होने के बावजूद बड़ी संख्या में आवेदन किए हैं। अभी स्नातक स्तर की परीक्षाओं पर शासन का निर्देशानुसार परीक्षा पर निर्णय होगा तो यह संख्या और बढ़ेगी। इसका कारण विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग में विश्विद्यालय की बढ़ती उपस्थिति व रैंकिंग व पीजी पाठ्यक्रम को चॉइस बेस्ड क्रेडिड सिस्टम आधारित बनाया गया है। सभी विषयों में इंटर्नशिप कार्यक्रम व प्रोजेक्ट को भी अनिवार्य किया गया है।