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रायबरेली में 48 घंटे के भीतर भागीरथी में देखे गए सात शव।
एसडीएम ने बताया कि जो शव नदी में मिल रहे हैं उनका अंतिम संस्कार सम्मानपूर्वक कराया जा रहा है। सोमवार को गंगा में दो शव बहते हुए दिखे। गंगा किनारे शवों को दफनाने या फिर प्रवाहित करने से रोकने के लिए पीएसी की एक टुकड़ी यहां तैनात है।
रायबरेली, गंगा में दो दिनों के भीतर सात अज्ञात शव देखे गए। इनमें से सोमवार को एक और मंगलवार को तीन मृतकों का अंतिम संस्कार कराया गया। हालांकि एक चिता पर दो डेड बॉडी रख दी गईं, इसको लेकर अफसरों की खासा आलोचना हो रही है। इस बाबत एसडीएम ने गोलमोल जवाब दिया। बोले कि जो शव नदी में मिल रहे हैं, उनका अंतिम संस्कार सम्मानपूर्वक कराया जा रहा है। सोमवार को गंगा में दो शव बहते हुए दिखे। एक बाॅडी संकटमोचन घाट के किनारे पहुंच गई, जिसे नगर पंचायत कर्मचारियों ने बाहर निकाला और अंतिम संस्कार कराया। इस बीच दूसरी डेड बॉडी बहाव के चलते दूर जा चुकी थी। मंगलवार की सुबह पंप कैनाल के पीछे नदी में दो शव मिले।
नगर पंचायत अध्यक्ष पंडित बृजेश दत्त गौड़ ने सफाई कर्मचारियों को भेजकर उन्हें बाहर निकलवाया। इसी बीच सूचना मिली की एक शव रानी शिवाला घाट के किनारे पड़ा है। सफाई कर्मचारियों ने उसको भी रस्सी के सहारे खींचकर श्मशानघाट पहुंचाया। नायब तहसीलदार की देखरेख में दो चिताओं पर तीनों शवों का अंतिम संस्कार किया गया। बताया गया दो और शव नदी में बहते देखे गए, लेकिन स्थानीय लोगों के सूचना देने के बाद भी उन्हें बाहर नहीं निकाला गया।
पीएसी को नहीं दिखती डेड बॉडी
गंगा किनारे शवों को दफनाने या फिर प्रवाहित करने से रोकने के लिए पीएसी की एक टुकड़ी यहां कई दिनों से तैनात है। पीएसी के जवान स्टीमर से नदी व तट पर नजर बनाए हुए हैं। बावजूद इसके, गंगा में बहते हुए शव देखे जा रहे हैं, लेकिन उन्हें बाहर निकालने में जिम्मेदार दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
पोस्टमॉर्टम नहीं, सीधे अंतिम संस्कार
गंगा में मिलने वाले शवों का पोस्टमाॅर्टम न कराकर सीधे अंतिम संस्कार कराया जा रहा है। एसडीएम विजय कुमार ने कहा कि पुलिस मौके तक नहीं पहुंचती तो पोस्टमाॅर्टम कैसे हो। कोतवाल राजेश सिंह ने कहा कि मामला घटनात्मक या अपराध से जुड़ा हो, तभी अन्त्य परीक्षण कराया जाता है। गंगा में जो शव मिल रहे हैं, वे रेत में दफनाए गए थे। जल स्तर बढ़ने के कारण शव पानी में आ जा रहे हैं।