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RGA news
कोरोना वैक्सीन की डोज के बीच अंतर से मजबूती से होगा मुकाबला।
पहले और दूसरे डोज में कितना अंतर होना चाहिए इससे लोग भ्रम में पड़ गए हैं। इसका जवाब विज्ञानियों ने दिया है। उनके अनुसार कोविशील्ड के मामले में दो डोज में अंतर जितना अधिक होगा वैक्सीन का प्रभाव भी उतना ज्यादा होगा
लखनऊ कोरोना वैक्सीन के पहले और दूसरे डोज के बीच का अंतराल जनवरी से अब तक इस तरह से बढ़ाया गया। इससे लोग भ्रम में पड़ गए कि पहले और दूसरे डोज में कितना अंतर होना चाहिए। इसका जवाब विज्ञानियों ने दिया है। उनके अनुसार कोविशील्ड के मामले में दो डोज में अंतर जितना अधिक होगा, वैक्सीन का प्रभाव भी उतना ज्यादा होगा।
इंटरनेशनल मेडिकल जर्नल लांसेट में प्रकाशित 'वैक्सीन : ए पूल्ड एनालिसिस आफ रैंडोमाइज्ड ट्रायलÓ के मुताबिक आठ हजार 597 ऐसे लोगों पर अध्ययन किया गया जिन्हें भारतीय वैक्सीन लगी। जब छह हफ्ते से कम अंतर पर दो डोज दिए गए तो वैक्सीन का असर 50-60 फीसद ही रहा, जबकि अंतर बढ़ाकर 12-16 हफ्ते करने पर असर 81.3 प्रतिशत गया। दो डोज के बीच अंतर बढऩे से अधिक से अधिक लोगों को इंफेक्शन से बचाने के लिए वैक्सीन का एक डोज दिया जा सकेगा और वैक्सीन का प्रभाव बढ़ेगा। अगर, दो डोज के बीच का अंतर बढ़ाया जाता है तो कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबाडी रिस्पांस दोगुना तक हो सकता है। पहला टीका लगने के 22वें 90वें दिन के बाद प्रभावशीलता 76 प्रतिशत थी और इस शुरुआती तीन महीने की अवधि के दौरान सुरक्षा के लिए एंटीबाडी स्तर कम नहीं हुआ। इस प्रकार देर से दूसरा टीका की रणनीति सुरक्षित है।
- जनवरी - दो डोज के बीच 28 दिन
- मार्च - दो डोज के बीच 45 दिन
- मई - दो डोज के बीच 90 से 120 दिन (12 से 16 सप्ताह)
कब लें टीका
कोरोना निगेटिव होने के चार सप्ताह बाद आप टीका ले सकते हैं।
पहला टीका लगने के बाद यदि कोरोना हो जाए तो दूसरा टीका निगेटिव होने के चार सप्ताह बाद ले सकते हैै: वैक्सीन का पहला डोज लगने पर आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में इम्यून रिस्पांस पैदा होता है। इनेक्टिव या मृत वायरस जब सिस्टम में आता है तो एंटीबाडी बनती है। शरीर इन्फेक्शन के पैटर्न को समझता है। पहला डोज लेने के कुछ ही घंटों या दिनों में यह होने लगता है। कुछ हद तक प्रोटेक्शन तो मिल ही जाती है। दूसरा डोज निश्चित तौर पर यह इम्यून रिस्पांस बढ़ाता है।
नई गाइड लाइन से पहले वाले न हों परेशान: संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के माइक्रोबायोलाजिस्ट व एसोसिएट प्रोफेसर अतुल गर्ग ने बताया कि बुजुर्गों के साथ-साथ हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को छह हफ्ते से कम अंतर से कोवीशील्ड के दो डोज लगाए गए हैं। इन लोगों को नई गाइडलाइन की वजह से ङ्क्षचता नहीं करनी चाहिए। उनके शरीर में दो डोज के बाद एंटीबाडी प्रभावी हो जाती है। जिन्हें दोनों डोज लग चुके हैं, उन्हें इन्फेक्शन हो भी गया तो लक्षण बहुत हल्के या मामूली होंगे।