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बीजेपी को इन दिनों अपने ही पार्षदों की गुटबाजी का शिकार होना पड़ रहा है। पार्षद के सिंहासन पर खतरा बन गया है। नगर निगम बोर्ड ने पार्षद की कुर्सी छीनने की तैयारी कर ली है। वहीं ऐसे पार्षदों पर भी निशाना साधा जा रहा है जो विरोध दिखा रहे है।
फिलहाल मामला पेचीदा बना हुआ है। इस कारण विद्रोह की चिंगारी कभी भी ज्वालामुखी बन कर फूट सकती है। दरअसल नगर निगम बोर्ड में 80 पार्षद हैं। पिछले दिनों हुई बोर्ड बैठक में कई मुद्दों को लेकर सदन में हंगामा भी हुआ था। भाजपा के एक पार्षद ने कुछ ऐसी भाषा का इस्तेमाल किया था जो सदन को नागवार लगा। सदन के चालू सत्र में मेयर उमेश गौतम ने मिनट टू मिनट में पार्षद के खिलाफ कार्रवाई करने की बात दर्ज कराई थी। जिसको लेकर पार्षदों में भी अंदरखाने विरोध तेज हो गया था। हालांकि पार्षद ने भी शासन में नगर निगम के चिट्ठा खोलने के ऐलान कर दिया है।