RGA news
आगरा में जूता कारखानों में पूरी तरह से उत्पादन शुरू होने में अभी दो महीने और लगेंगे।
एक माह से अधिक समय से बंद चल रही थी हींग की मंडी मार्केट। जून-जुलाई में कम होता है बारिश की वजह से काम अगस्त से उम्मीद। घरेलू जूता बाजार में इस समय है मांग में जबरदस्त कमी। देश के कई राज्यों में जारी है लॉकडाउन।
आगरा,ताजनगरी अनलॉक हो गई है। एक माह से अधिक समय से बंद चल रहीं मार्केट खुल गई हैं। ताजनगरी भले ही अनलॉक हो गई हो, लेकिन यहां घरेलू जूता उद्योग को इससे उबरने में अभी दो माह का समय और लगेगा। जून-जुलाई में बारिश के चलते न के बराबर काम रहता है। कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं बढ़ता है तो अगस्त से घरेलू जूता उद्योग की गाड़ी पटरी पर लौटने की उम्मीद कारोबारी लगाए हुए हैं।
आगरा में जूता उद्योग करीब 500 वर्ष पुराना है। मुगल काल में यहां जूता उद्योग की शुरुआत हुई थी। यहां घर-घर में जूता बनाने का काम होता है। घरेलू जूता बाजार की करीब 65 फीसद मांग को आगरा पूरा करता है। यहां करीब सात हजार जूता कारखाने हैं, जिनमें दो लाख से अधिक कारीगर काम करते हैं। घरेलू बाजार की मांग को पूरा करने वाले कारखाना संचालक सामान के लिए हींग की मंडी मार्केट पर निर्भर करते हैं। इसके साथ ही वो सोमवार व शुक्रवार को चक्कीपाट में लगने वाली हाट से जूता बनाने को सस्ता सामान खरीदते हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर में हींग की मंडी मार्केट अप्रैल के मध्य में व्यापारिक संगठनों ने स्वेच्छा से बंद कर दी थी, जिससे कि संक्रमण अधिक नहीं फैले। हाट का आयोजन भी बंद हो गया था, जिससे जूता निर्माण को कारखाना संचालकों को सामान नहीं मिल पा रहा था। मंगलवार को अनलॉक होने पर एक माह से अधिक की बंदी के बाद हींग की मार्केट खुल गई, लेकिन व्यापारी न के बराबर पहुंचे।
सोल व्यापारी विनोद सीतलानी ने बताया कि जून-जुलाई में बारिश के चलते काम बहुत कम होता है। अब अगस्त में ही काम गति पकड़ सकेगा। अगस्त से फेस्टिवल सीजन की शुरुआत हो जाती है। दीपावली के बाद सहालग भी होता है। जूता कारखाना संचालक शाहिद अनीस ने बताया कि पिछले वर्ष से ही घरेलू जूता बाजार प्रभावित है। व्यापारियों का पैसा फंसा हुआ है। पिछले दिनों काफी ऑर्डर कैंसिल हुए हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं बढ़ता है तो अगस्त से काम पटरी पर लौटने की उम्मीद हैं
बिगड़ चुका है सीजन
घरेलू जूता बाज़ार में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते सीजन बिगड़ चुका है। सहालग और ईद पर बाज़ार बन्द होने से बिक्री ही नहीं हुई, जिससे व्यापारियों का पैसा फंस गया।
यहां होता है काम
आगरा में घरेलू स्तर पर जूते बनाने का काम जगदीशपुरा, छउआ का नगला, शाहगंज, टेढ़ी बगिया, ताजगंज, मंटोला, रकाबगंज, कुतलुपुर, बारह खम्बा आदि क्षेत्रों में होता है।