बरेली में पहली बार 10वींं और 12वीं का रिजल्ट होगा सौ फीसद

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सीबीएसई के 12वीं के छह हजार विद्यार्थी बिना परीक्षा दिए हो जाएंगे प्रमोट।

सीबीएसई ने 10वींं के बाद 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं भी निरस्त कर दी हैं। इस नोटीफिकेशन के बाद बरेली के तकरीबन 45 सीबीएसई विद्यालयों के छह हजार छात्र अब बिना परीक्षा दिए ही प्रमोट हो जाएंगे।

बरेली,सीबीएसई ने 10वींं के बाद 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं भी निरस्त कर दी हैं। इस नोटीफिकेशन के बाद बरेली के तकरीबन 45 सीबीएसई विद्यालयों के छह हजार छात्र अब बिना परीक्षा दिए ही प्रमोट हो जाएंगे।बरेली में ऐसा पहली बार होगा कि सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षा का रिजल्ट सौ फीसद होगा।मार्च के अंतिम सप्ताह से कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद से परीक्षाओं पर संकट के बादल मंडराने लगे थे। पहले मार्च में होने वाली परीक्षाओं को 15 मई तक के लिए टाला गया

बाद में सीबीएसई समेत सभी बोर्ड ने 10वीं की परीक्षा निरस्त कर दीं। इसके बाद से ही 12वीं की परीक्षाओं को निरस्त करने की बात चल रही थी। इसे लेकर सीबीएसई ने सभी प्रदेशों से इसे लेकर सुझाव मांगे थे। इसमें छात्र, अभिभावक और शिक्षकों के मत को शामिल किया जाना था। बीते पांच दिनों से 12वीं की परीक्षा को लेकर फिर बात शुरू हुई। मंगलवार को दिल्ली में इसे लेकर बैठक हुई। देर शाम सीबीएसई की ओर से परीक्षा निरस्त करने का नोटीफिकेशन जारी कर दिया गया। हालांकि इसमें यह नहीं बताया गया है कि 12वीं के छात्रों को किस तरह प्रमोट किया जाएगा। सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर वीके मिश्रा के मुताबिक गठित कमेटी जल्द ही छात्रों को प्रमोट करने के मैथेड पर निर्णय लेगी।

परीक्षा, नतीजे समय पर होने से एकेडमिक कैलेंडर ठीक रहता है : रुहेलखंड विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. केपी सिंह ने बताया कि एकेडमिक कैलेंडर इस कोरोना की वजह से काफी प्रभावित हुआ है। यह तभी सामान्य हो सकता है जब एडमिशन समय पर हो और परीक्षाएं समय पर हो। विश्वविद्यालय और डिग्री कालेज में आने वाले छात्र 12वीं पास कर ही आते है। इस निर्णय से जल्द रिजल्ट बनेगा तो एकेडमिक कैलेंडर जल्द शुरू हो सकेगा। हालांकि सरकार और सीबीएसई ने निर्णय सभी बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए लिया है। यह परिस्थितिजन्य निर्णय है

मेरिट तय करना थोड़ा मुश्किल होगा : बरेली कालेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग मोहन ने बताया कि इंटरमीडिएट की परीक्षा बेहद महत्वपूर्ण होती है। 11वीं तक पढ़ाई के बाद छात्र 12वीं का एग्जाम देकर उसके रिजल्ट का इंतजार करता है और अपनी दक्षता को समझ आगे का निर्णय लेता है। सरकार और सीबीएसई ने यह फैसला परिस्थितियों और हालातों के मद्देनजर रखते हुए लिया है। हम भी यह सोच रहे है कि अब कैसे मेरिट बनाएंगे और किस तरह एडमिशन लेंगे। 

प्रमोशन में लागू हो सकता 10वीं का फार्मूला : सीबीएसई सिटी समन्वयक वीके मिश्रा ने बताया कि साल भर विद्यालयों ने ऑनलाइन पढ़ाई कराई है, इसके रिजल्ट की सभी उम्मीद कर रहे थे। लेकिन सीबीएसई और सरकार ने बच्चों, अभिभावक और शिक्षकों से राय ली गई। अलग-अलग राज्यों से फीडबैक लिया गया। लोगों ने हालात को देखते हुए बच्चों के स्वास्थ्य पर चिंता व्यक्त की। इसके बाद ही यह निर्णय लिया गया। बच्चों को कैसे प्रमोट करेंगे, यह अभी तय नहीं है। लेकिन संभावना है कि 10वीं का फार्मूला इसमें लागू हो सकता है। यह भी संभव है इसमें 11वीं के रिजल्ट को भी जोड़ा जाए।

हमें निराशा हुई, ऑनलाइन ही करवा लेते परीक्षा : छात्र मो. आजम का कहना है कि छात्रों का एक तबका इस फैसले पर खुश हो सकता है। एक थोड़ा निराश। मुझे लगता है कि मेडिकल, इजीनियरिंग समेत करियर तय करने वाले छात्रों के लिए यही समय होता है। इसलिए परीक्षा होनी चाहिए थी।अर्जित सक्सेना ने बताया कि अचानक परीक्षा रद्द करने के निर्णय से संतुष्ट नहीं हूं। पूरे सत्र में हमने मेहनत की, वह व्यर्थ हो जाएगी। ऑनलाइन भी परीक्षा हो सकती थी। अभय शंकर सक्सेना का कहना है कि यह सही है कि छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए, लेकिन परीक्षा भी जरुरी हैं। इससे प्रतियोगी परीक्षाओं के भी एक माइंड सेट तैयार होता है। 

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