यूपी में अब तक कोरोना से निराश्रित 2309 बच्चे हुए चिन्हित, 4 हजार रुपये महीना देगी योगी सरकार

Praveen Upadhayay's picture

RGA news

उत्तर प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस से अनाथ हुए बच्चे चिन्हित किए जा चुके हैं।

उत्तर प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमण के कारण 2309 निराश्रित बच्चे चिन्हित किए जा चुके हैं। इनमें 287 बच्चे ऐसे हैं जिन्होंने कोरोना के कारण अपने माता-पिता दोनों खो दिए हैं। सहारनपुर मुजफ्फरनगर अलीगढ़ व लखनऊ में ऐसे बच्चों की संख्या सर्वाधिक 

लखनऊ उत्तर प्रदेश में अब तक कोरोना संक्रमण के कारण 2309 निराश्रित बच्चे चिन्हित किए जा चुके हैं। इनमें 287 बच्चे ऐसे हैं, जिन्होंने कोरोना के कारण अपने माता-पिता दोनों खो दिए हैं। सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, अलीगढ़ व लखनऊ में ऐसे बच्चों की संख्या सर्वाधिक है। सहारनपुर में 349, मुजफ्फरनगर में 144, अलीगढ़ में 98, लखनऊ में 88 व गाजियाबाद में 81 बच्चे अब तक खोजे जा चुके हैं

सुप्रीम कोर्ट ने भी कोरोना संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चों के भविष्य को लेकर चिंता जताते हुए केंद्र व प्रदेश सरकार को इनकी सुरक्षा व संरक्षण के आदेश दिए थे। वहीं, योगी सरकार पहले ही इस काम में जुट गई थी। सरकार ने कोरोना के कारण निराश्रित हुए बच्चों का भविष्य संवारने का जिम्मा उठाया है। इसके लिए 'उप्र मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' लांच की गई है। इसमें बच्चों के बालिग होने तक उनके लालन-पालन व शिक्षा का खर्च सरकार उठाएगी। इसी के तहत प्रदेश में निराश्रित बच्चों को चिन्हित करने का काम चल रहा है।

फिर से चिन्हित किए जाएंगे अनाथ बच्चे : अब तक प्रदेश में 287 बच्चे ऐसे मिले हैं, जिनके मां-बाप दोनों कोरोना संक्रमण के कारण इस दुनिया में नहीं रहे। 2022 बच्चे ऐसे हैं, जिनके माता एवं पिता दोनों में से एक का निधन इस बीमारी से हो गया है। वहीं, उत्तर प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष विशेष गुप्ता ने सभी जिलों को दोबारा ऐसे बच्चों को चिन्हित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि कोई बच्चा छूटने न पाए, इसलिए एक बार और कसरत की जाएगी। मीडिया में आ रही खबरों का भी संज्ञान लेकर ऐसे बच्चों का ब्यौरा जुटाने के निर्देश दिए 

इन जिलों में मिले सर्वाधिक बच्चे : सहारनपुर में 349, मुजफ्फरनगर में 144, अलीगढ़ में 98, लखनऊ में 88, गाजियाबाद में 81, प्रयागराज में 70, मेरठ में 62, वाराणसी में 61, मऊ में 58, बलिया में 50, अयोध्या में 49, फर्रुखाबाद में 46, कुशीनगर में 45, देवरिया में 45, उन्नाव में 45, कानपुर में 36 और कानपुर देहात में 32 अनाथ बच्चे चिन्हित किए गए हैं।

निराश्रित बच्चों के भरण-पोषण व शिक्षा की होगी व्यवस्था : कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों के भरण-पोषण व शिक्षा की व्यवस्था के लिए सोमवार को योगी कैबिनेट ने 'उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' को मंजूरी दे दी है। इस योजना के तहत अनाथ बच्चों के वैध संरक्षक को बच्चों के बालिग होने तक चार हजार रुपये प्रति माह प्रति बच्चा दिए जाएंगे। निराश्रित बालिकाओं की शादी में सरकार एक लाख एक हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी। कैबिनेट से पास प्रस्ताव के तहत यदि कोरोना की वजह से माता-पिता दोनों या माता अथवा पिता में से किसी एक का निधन हुआ हो तब बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा। 

Place: 

Scholarly Lite is a free theme, contributed to the Drupal Community by More than Themes.