अलीगढ़ में एनजीओ से पढ़ाई कराना शिक्षकों काे नागवार

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शासनस्तर से कनवेजीनियस एनजीओ को लाने की योजना है।

कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलों में बच्चों को आनलाइन शिक्षा के जरिए पढ़ाने व उनके साप्ताहिक टेस्ट लेकर उनको बेहतर ढंग से शिक्षित करने के लिए शासनस्तर से कनवेजीनियस एनजीओ को लाने की योजना है। टेस्ट में जहां खामी नजर आएगी।

अलीगढ़, कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलों में बच्चों को आनलाइन शिक्षा के जरिए पढ़ाने व उनके साप्ताहिक टेस्ट लेकर उनको बेहतर ढंग से शिक्षित करने के लिए शासनस्तर से कनवेजीनियस एनजीओ को लाने की योजना है। टेस्ट में जहां खामी नजर आएगी तो उसको दूर करने के लिए संस्था ही रेमीडियल सामग्री भी उपलब्ध कराएगी। मगर जिले के शिक्षकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। उत्तरप्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बीएसए व मुख्यमंत्री को इस संबंध में पत्र भेजा है।

परिषदीय शिक्षक एकदम अकर्मण्य

संगठन के जिलाध्यक्ष डा. प्रशांत शर्मा ने कहा कि एनजीओ के जरिए पढ़ाई कराकर शासन ये साबित करना चाहता है? कि परिषदीय शिक्षक एकदम अकर्मण्य हैं। जबकि शिक्षकों ने ही कोरोना संक्रमण काल में पंचायत चुनाव ड्यूटी करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उन एनजीओ को पढ़ाई में लगाया जा रहा है? जिनके पास न तो शिक्षकों से ज्यादा योग्यता है? और न ही अनुभव है। अगर एनजीओ से ही पढ़ाई करानी है? तो बीएड, बीटीसी, यूपी टेट, सी-टेट आदि योग्यताधारी शिक्षकों को क्यों भर्ती किया जाता है? जिला महामंत्री इंद्रजीत सिंह ने अधिकारी व शासन से मांग की है? कि इस तरह की व्यवस्थाओं को खत्म करने के आदेश जारी किए जाएं। अन्यथा की स्थिति में शिक्षक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। पहले भी कई बार एनजीआे को काम सौंपकर शिक्षकों का अपमान किया जा चुका है। अब शिक्षकों का अपमान किसी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

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