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बांका में बिना दहेज की हुई शादी।
बिहार के बांका में एक आदर्श विवाह का मामला सामने आया है। जहां एक ओर लड़का पक्ष लड़की पक्ष के दहेज के लिए दबाव बनाते है और शादी के बाद भी दहेज की मांग करते हैं। लेकिन बांका में इस गैरकानूनी मांग के विरोध में लड़का ने किया।
शंभूगंज (बांका)।दहेज जैसी कुप्रथा को खत्म करने के लिए अब युवा पीढ़ी आगे आने लगा है। इससे दहेज उन्मूलन कानून कारगर सिद्ध हो रहा है। ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। एक युवक ने दहेज की मांग कर रहे अपने माता-पिता को दरकिनार कर अकेले लड़की के घर पहुंचकर शादी कर कर ली। जानकारी के अनुसार बांका जिले के प्रतापपुर गांव निवासी बबलू मालाकार ने अपने पुत्री पूनम कुमारी की शादी खेसर मैदान के सुबोध मालाकार के पुत्र अभिषेक कुमार से तय की थी। इसके लिए फलदान एवं रिंग सिरोमनी की रस्म भी पूरी हो गई। जब शादी की तिथि तय हुई तो लड़का पक्ष ने बारात जाने एवं सभी तरह की खर्चे की सूची लड़की पक्ष के हाथों में थमा दिया।
इधर, भारी- भरकम लिस्ट देख लड़की पक्ष खर्च करने में आनाकानी करने लगे। लड़की पक्ष ने इतना खर्च करने में अपनी असमर्थता दिखाई। यह बात जब लड़का अभिषेक को पता चला तो उन्होंने इसे फिजूल खर्ची की बात बताया। साथ ही अभिषेक ने इसका विरोध किया कर अपने स्वजनों को समझाने का भी प्रयास किया। लेकिन अभिषेक के स्वजन नहीं माने। अभिषेक ने अपने प्रयास को विफल होते देख वे सीधे लड़की के घर पहुंचकर शादी करने का प्रस्ताव दिया। इसके बाद लड़की के स्वजनों के मुरझाए चेहरे पर खुशी छा गई।
ग्रामीणों के समक्ष अभिषेक ने दुर्गा मंदिर में शादी रचा ली। इस शादी के गवाह पंचायत के मुखिया, सरपंच सहित सैकड़ों ग्रामीण बने। इधर, शादी की सूचना जैसे ही अभिषेक के पिता सुबोध मालाकार को हुई तो वे पुत्र के अपहरण करने की शिकायत लेकर थाना पहुंच गए। थानाध्यक्ष उमेश प्रसाद ने बताया कि दोनों की शादी रजामंदी से हुई है। यह बात लड़का अभिषेक ने खुद स्वीकार की है। तब दोनों पक्षों को समझा बुझाकर वापस भेज दिया गया। अभिषेक के इस कार्य की हर ओर सराहना हो रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि अभिषेक को सम्मानित किया जाएगा।