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मानवीय हस्तक्षेप के जरिए गड़बड़ी होेने की संभावना पर भी विराम लग सकेगा।
सरकार की इस नई योजना में शामिल 15 साल पुराने व्यावसायिक व 20 साल पुराने निजी वाहनों को एक अक्टूबर से आटोमैटिक फिटनेस सेंटर से चलने के लिए सही होने का प्रमाण पत्र लेना होगा। इसके बाद ही उन्हें सड़क पर चलने की अनुमति मिल सकेगी।
अलीगढ़, केंद्र सरकार की वाहनों की स्क्रेप व कबाड़ वाहन नीति में अब वही पुराने वाहन सड़क पर दौड़ सकेंगे जो फिटनेस से जुड़ी 40 बाधाओं को पार कर प्रमाण पत्र हासिल कर लेंगे। सरकार ने ऐसे वाहनों की जांच-पड़ताल को आटोमैटिक फिटनेस सेंटर खोलने व उनके संचालन के निर्देश दिए हैंं। अलीगढ़ मंडल के
15 साल पुराने व्यावसायिक व 20 साल पुराने निजी वाहनों की संख्या 50 हजार से अधिक है। नई वाहन नीति के दायरे में आ जाने से इनके मालिकान को सड़क पर फर्राटा भरने से पहले वाहन फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा। मानकों पर खरा उतरने पर ही उन्हें वाहन संचालन की अनुमति मिल सकेगी।
एक अक्टूबर से लागू होगी नई पालिसी
सरकार की इस नई योजना में शामिल 15 साल पुराने व्यावसायिक व 20 साल पुराने निजी वाहनों को एक अक्टूबर से आटोमैटिक फिटनेस सेंटर से चलने के लिए सही होने का प्रमाण पत्र लेना होगा। इसके बाद ही उन्हें सड़क पर चलने की अनुमति मिल सकेगी अन्यथा की स्थिति में अनफिट होने पर वाहनों को एंड आफ लाइफ (ईएलवी) यानि कबाड़ की श्रेणी में डाल दिया जाएगा। सारी प्रक्रिया आधुनिक मशीनों के जरिए पूरी होगी। इसमें किसी तरह के मानवीय हस्तक्षेप के जरिए गड़बड़ी होेने की संभावना पर भी विराम लग सकेगा।
जांच के बाद ही मिलेगा ग्रीन या रेड सिंग्नल
आटोमैटिक फिटनेस सेंटर में पुराने वाहनों की जांच होगी। इसके बाद ही उन्हें फिट या अनफिट करार दिया जाएगा। इन वाहनों की ब्रेक सिस्टम, स्टेयरिंग, हेडलाइट, सेसपेंशन, बैटरी, साइलेंसर, उत्सर्जक स्तर, हार्न, स्पीडोमीटर, स्पीड गवर्नर, टायर, इलेक्ट्रिकल वायरिंग, व्हीकल ट्रैकिंग डिवाइस अादि समेत 40 बिंदुओं पर जांच होगी। अगर जांच में वाहन किसी भी मानक में से किसी एक में भी फेल होता है तो ऐसे वाहन को अनफिट कर दिया जाएगा।
मिल सकेगा एक और अवसर
अगर वाहन जांच में अनफिट कर दिया जाता है तो वाहन स्वामी आनलाइन पुन: फिटनेस टेस्ट के लिए आवेदन कर सकता है। वाहन को हर स्तर के टेस्ट को पास करना अनिवार्य होगा। यदि ऐसा नहीं होता है तो वाहन काे कबाड़ घोषित कर दिया जाएगा।
नई वाहन कबाड़ नीति में 15 साल पुराने व्यावसायिक वाहनों को स्क्रैप किया जाएगा। यानी उन्हें सड़कों पर चलने की अनुमति नहीं होगी। निजी वाहनों पर 20 वर्ष की अवधि का मानक लागू होगा। अलीगढ़ मंडल के हाथरस, कासंगज व एटा के 50 हजार से अधिक वाहन इस नई नीति के दायरे में आएंगे।