ट्रांसलोकेट हो सकते थे, फिर भी बरेली में सड़क चौड़ी करने के लिए काट दिए डेढ़ दर्जन पेड़

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पर्यावरण को देखते हुए बीडीए उपाध्यक्ष ने रुकवाया कटान, अब पेड़ होंगे ट्रांसलोकेट।

करीब तीन महीने पहले की बात है। कैंट रोड पर लालफाटक क्रासिंग के पास बड़ी मशीनों से पेड़ों को उठाकर ले जाया जा रहा था। पेड़ों को ऊपर से छांट दिया गया था और उनकी जड़ें बांध दी गई थी। मशीन से पेड़ शिफ्ट कर दिए।

बरेली,करीब तीन महीने पहले की बात है। कैंट रोड पर लालफाटक क्रासिंग के पास बड़ी मशीनों से पेड़ों को उठाकर ले जाया जा रहा था। पेड़ों को ऊपर से छांट दिया गया था और उनकी जड़ें बांध दी गई थी। मशीन से उठाकर उन पेड़ों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया। वर्षों पुराने इन पेड़ों में नए पत्ते अंकुरित होने लगे हैं। जागरण के प्रयासों से मंडल में पहली बार वर्षों पुराने पेड़ों को बचाया जा सका।

इसी तरह डोहरा रोड के पेड़ों को भी ट्रांसलोकेट करके बचाया जा सकता था, लेकिन तकनीक मौजूद होने के बाद भी डेढ़ दर्जन पेड़ों की ‘हत्या’ कर दी गई। अब बीडीए उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने कटान रुकवाकर पेड़ों को ट्रांसलोकेट कराने के निर्देश दिए हैं।बरेली विकास प्राधिकरण (बीडीए) को अपनी आवासीय योजना के मुख्य मार्ग को चौड़ा करना है। पीलीभीत बाईपास पर रुहेलखंड यूनिवर्सिटी से शुरू होकर रामगंगा आवासीय योजना के पास से यह सड़क बड़ा बाइपास पर मिलती है।

करीब साढ़े तीन किलोमीटर लंबी सड़क यूनिवर्सिटी के पास तो चौड़ी है, लेकिन आगे पुलिया के बाद से बड़ा बाइपास तक सिंगल लेन हैं। इस रोड के बीच में बीडीए की आवासीय योजना है। योजना तक आसान आवागमन और लोगों के लिए सहूलियत बढ़ाने के लिए सड़क को करीब तीस मीटर तक चौड़ा किया जाना है।

इस रोड के किनारे पर आठ सौ से अधिक छोटे-बड़े पेड़ हैं। किनारे पर वन विभाग की भूमि होने के कारण बीडीए अफसरों ने उनसे संपर्क किया तो उन्होंने पेड़ों को काटने का एस्टीमेट दे दिया। इस पर बीडीए ने उन्हें रकम दे दी थी। शुक्रवार को वन विभाग ने वहां पेड़ों को कटवाना शुरू किया।

गुणकारी नीम समेत डेढ़ दर्जन पेड़ काटे : डोहरा रोड पर करीब डेढ़ दर्जन पेड़ काटे दिए गए हैं। इसमें सबसे ज्यादा करीब आठ पेड़ नीम के हैं। इसके साथ ही शीशम, पाकड़ समेत अन्य छोटे-बढ़े पेड़ हैं। यह पेड़ करीब 15 साल से अधिक पुराने हैं। तमाम औषधीय गुणों से युक्त नीम के पेड़ पलभर में धराशायी कर दिए गए हैं।

कटान बंद, ट्रांसलोकेट होंगे पेड़ : बीडीए उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह पिछले दिनों किसी काम से शहर से बाहर थे। उनकी गैरमौजूदगी में डोहरा रोड पर पेड़ों का कटान शुरू करवा दिया गया। शनिवार को लौटने पर उन्होंने कटान रोकने और पेड़ों को ट्रांसलोकेट कराने के निर्देश इंजीनियरों को दिए। वही, मामले की जानकारी होने पर शनिवार दोपहर डीएम नितीश कुमार ने भी डोहरा रोड का निरीक्षण किया। उन्होंने भी पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ों को ट्रांसलोकेट कराने को कहा।

दस पेड़ लगाने की बातें हवाई : पर्यावरणविद प्रो. आलोक खरे ने बताया कि कुछ पेड़ों को लगाया ही काटने के लिए जाता है, लेकिन वट प्रजाति व औषधीय गुणों वाले पेड़ों को बचाया जाना चाहिए। एक पेड़ काटकर बदले में दस पेड़ लगाने की बात हवाई है। उनमें से दो पेड़ भी ठीक से नहीं पनप पाते हैं। हर साल इतना अधिक पौधरोपण किया जाता है, लेकिन उनकी देखभाल ठीक नहीं होने के कारण दस फीसद भी नहीं पनप पाते हैं।

डीएम नाराज, कहा - शिफ्ट ही करने थे, काटने की क्या जरूरत : डोहरा रोड चौड़ीकरण का निरीक्षण करते हुए डीएम ने पर्यावरण को बचाने के लिए कहा। सड़क चौड़ीकरण में आने वाले पेडों को काटने की जगह उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जाना ही सही है। उन्होंने नाराजगी जताई कि पेड़ों को काटने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए थी।

बीडीए उपाध्यक्ष जोगिंदर सिंह ने बताया कि डोहरा रोड का चौड़ीकरण किया जाना है। उसके किनारे वन विभाग की जमीन पर पेड़ लगे हैं। पेड़ों को हटाने के लिए वन विभाग वालों ने ही एस्टीमेट दिया था। उन्होंने अचानक पेड़ों को काटना शुरू कर दिया, जिसकी जानकारी नहीं थी। पता चलने पर तुरंत रुकवा दिया गया। अधिकारियों की राय से पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी पेड़ों को ट्रांसलोकेट कराया जाएगा।

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