![harshita's picture harshita's picture](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/styles/thumbnail/public/pictures/picture-2585-1622647100.jpg?itok=uOzLfLx7)
![](https://bareilly.rganews.com/sites/bareilly.rganews.com/files/news/06_06_2021-cm_yogi_adityanath_21711422_0727847.jpg)
RGA news
सीएम योगी ने जमीन घोटाले में धांधली के आरोपी तीन एसडीएम को तहसीलदार के पद पर पदावनत कर दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस नीति के तहत जमीन घोटाले में धांधली के आरोपी तीन उप जिलाधिकारियों (एसडीएम) को तहसीलदार के पद पर पदावनत कर दिया गया है। सरकार ने तीनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया है
लखनऊ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार पर जीरो टालरेंस नीति के तहत जमीन घोटाले में धांधली के आरोपी तीन उप जिलाधिकारियों (एसडीएम) को तहसीलदार के पद पर पदावनत कर दिया गया है। सरकार ने तीनों अधिकारियों को राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया है। शनिवार को नियुक्ति विभाग की ओर से इसके आदेश जारी कर दिए गए।
एसडीएम प्रयागराज रामजीत मौर्य ने मीरजापुर में तहसीलदार के पद पर तैनाती के दौरान जमीन संबंधी एक मामले में नियमों को दरकिनार करते हुए मनमाने तरीके से फैसला दिया था। यह जमीन कई एकड़ में है और इसकी कीमत करोड़ों रुपये में बताई जा रही है। धांधली की शिकायत होने पर इस मामले की जांच कराई गई, तो इसमें रामजीत मौर्य दोषी पाए गए। दूसरा मामला एसडीएम श्रावस्ती जेपी चौहान का है। उन्होंने पीलीभीत में तहसीलदार के पद पर रहते हुए एक जमीन के मामले में मनमाने तरीके से फैसला दे दिया। इस जमीन की कीमत काफी अधिक बताई जा रही है।
इसी प्रकार तीसरा मामला एसडीएम मुरादाबाद अजय कुमार का है। इन्होंने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में तैनाती के दौरान एक जमीन के मामले में मनमाने तरीके से नियमों को ताक पर रखकर कार्यवाही की। आरोप है कि अधिग्रहण के बावजूद इस जमीन को छोड़ने का काम किया गया। इस जमीन को एक प्रभावशाली व्यक्ति को देने के लिए यह सारा खेल किया गया। इन तीनों मामले की जांच कराई गई और जांच के बाद इन्हें दोषी पाया गया। दोषी पाए गए अधिकारियों को लोक सेवा आयोग से अनुमति लेने के बाद तहसीलदार के पद पर पदावनत करते हुए राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।
लोक सेवा आयोग ने दो अधिकारियों को पदावनत करने संबंधी राज्य सरकार के प्रस्ताव पर सहमति दी, लेकिन अजय कुमार की दो वेतन वृद्धि रोकने की प्रस्ताव पर सहमत नहीं दी है। आयोग ने अजय कुमार के दोष के सापेक्ष दंड कम होने का तर्क देते हुए उन्हें भी पदावनत करने की संस्तुति कर दी है। इस तरह तीनों ही अधिकारियों को पदावनत करने का फैसला हुआ। शासन के नियुक्ति विभाग ने आयोग की सहमति आने के बाद तीनों उपजिलाधिकारियों को तहसीलदार के पद पर पदावनत कर दिया है।