वैक्सीनेशन को बढ़ावा दे रहा लखनऊ के सिविल अस्पताल का फीमेल फ्रेंडली बूथ, जानिए क्या है  खासियत

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लखनऊ के सिविल अस्पताल में एक मई से शुरू हुए महिला विशेष बूथ पर अब तक 4027 को लगी वैक्सीन।

सिविल अस्पताल में छह बूथों पर कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही जिसमें एक बूथ ऐसा है जहां सिर्फ लड़कियों और महिलाओं का टीकाकरण होता है। बूथ पर महिला स्टाफ ही कार्यरत है। इस महिला विशेष बूथ पर अब तक 18-44 आयुवर्ग में 4027 को वैक्सीन लग चुकी है।

लखनऊ प्रदेश में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान को गति देने के लिए महिला विशेष बूथ बनाने की बात कही जा रही। वहीं, सिविल अस्पताल में वैक्सीनेशन को बढ़ावा देने के लिए फीमेल फ्रेंडली बूथ पहले से ही काम कर रहा। अस्पताल में छह बूथों पर कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही, जिसमें एक बूथ ऐसा है, जहां सिर्फ लड़कियों और महिलाओं का टीकाकरण होता है। बूथ पर महिला स्टाफ ही कार्यरत है। एक मई से शुरू हुए इस महिला विशेष बूथ पर अब तक 18-44 आयुवर्ग में 4,027 को वैक्सीन लग चुकी है। वहीं, छह बूथों पर 15 जनवरी से अब तक करीब 46 हजार लोगों को वैक्सीनेट किया जा चुका है। लड़कियों और महिलाओं को टीकाकरण अभियान से जोड़ने के लिए गल्र्स स्कूल-काॅलेज से भी समन्वय किया जा रहा।

स्पेशल बूथ पर महिला स्टाफ ही कार्यरत है। इसमें दो वार्ड आया, तीन महिला सिपाही, पंजीकरण करने के लिए एक महिला, चार स्टाफ नर्स के अलावा असिस्टेंट मैटर्न और सीनियर स्टाफ नर्स भी महिला ही हैं। यदि किसी महिला के साथ पुरुष आता है तो उसे बाहर बैठने के लिए कहा जाता है। बूथ पर एक फीडबैक रजिस्टर भी रखा है। रजिस्टर में सिर्फ रेफरेंस आइडी ही नोट की जाती है। रेफरेंस आइडी लिखकर लड़कियां और महिलाएं बूथ पर अपने अनुभव साझा कर रहीं। महिला विशेष बूथ पर सेल्फी स्टैंड की भी व्यवस्था है। लामार्टिनियर काॅलेज की कुछ लड़कियों ने मिलकर धनराशि जमा कर अस्पताल को एक सेल्फी प्वाइंट और पब्लिक एड्रेस सिस्टम दिया थ

सिविल अस्पताल के निदेशक डा सुभाष चंद्र सुन्द्रियाल ने बताया कि लड़कियों और महिलाओं को सुरक्षा का अहसास होगा तो वह परिवार के साथ ही समाज के अन्य लोगों को भी वैक्सीन के लिए जागरूक करने का काम करेंगी। महिला विशेष बूथ का उद्देश्य जागरूकता की ऐसी ही चेन बनाना है। हम लड़कियों के समूह और उनके स्कूल-काॅलेज के साथ मिलकर भी काम कर रहे। दो काॅलेज के साथ आॅनलाइन जागरूकता कार्यक्रम कर चुके हैं। आगे चलकर कोरोना, टीकाकरण के अलावा मासिक धर्म और मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता को लेकर भी हम काम करने की योजना बना रहे।

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