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RGA news
लखनऊ में कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी आने के साथ ही रेमडेसिविर की मांग घटी।
लखनऊ में लगातार डिमांड कम होती जा रही है। कोरोना के बीते पीक सीजन यानी अप्रैल से जून के प्रथम हफ्ते में एल-थ्री लेवल के अस्पताल में रोज 200 से 250 इंजेक्शन की खपत थी जो अब घट कर रोज की 20 से 25 के बीच रह गया।
लखनऊ, कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या घटने के साथ ही रेमडेसिविर की मांग घट कर बीस फीसद तक आ गई है। लगातार डिमांड कम होती जा रही है। कोरोना के बीते पीक सीजन यानी अप्रैल से जून के प्रथम हफ्ते में एल-थ्री लेवल के अस्पताल में रोज 200 से 250 इंजेक्शन की खपत थी जो अब घट कर रोज की 20 से 25 के बीच रह गयी है।
एक दौर था जब एसजीपीजीआई, लोहिया अस्पताल और मेडिकल विवि में पीक टाइम में बेड फुल चल रहे थे तब कुल भर्ती होने वाले 50 से 60 प्रतिशत मरीजों को इस इंजेक्शन की जरूरत पड़ रही थी। तब मांग अधिक थी और इसे आपूर्ति वाली कंपनियों के पास दवा नहीं थी। अब इन अस्पतालों में मरीजों की संख्या 80 से 90 के आस -पास रह गयी है। इनमें से केवल 50 फीसद मरीजों को ही रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत है। एसजीपीजीआई के हाॅस्पिटल रिवाल्विंग फंड के प्रभारी अरविंद अग्रवाल, एसके श्रीवास्तव कहते है कि कोरोना के पीक में भी हमारे संस्थान में रेमडेसिविर की कमी नहीं होने पायी थी। हम लोगों ने बाजार से काफी कम कीमत पर कोरोना संक्रमित मरीजों को यह उपलब्ध कराया। संस्थान के जिम्मेदार सीधे कंपनी से आपूर्ति के लिए संपर्क में रहे। इससे एसजीपीजीआई में आए मरीजों को राहत मिली और तय समय पर उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन की डोज मिली।
रेमडेसिविर के तेवर पडे़ ढीले, मेडिसिन मार्केट में अब इंजेक्शन खरीदार ढूंढे जा रहे: संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आने के साथ ही ब्लैक हो रहे इस रेमडेसिविर इंजेक्शन के तेवर भी ढीले हो गए हैं। अभी ज्यादा वक्त नहीं बीता है जब काेरोना संक्रमण से बचाव वाले इस इंजेक्शन रेमडेसिविर बाजार-बाजार तलाश किया जाता था। बाजार में इसकी पर्याप्त संख्या में उपलब्धता नहीं हो पा रही थी। गंभीर मरीजों के परेशान तीमारदारों के बीच आपदा के असुरों ने इसे जमकर ब्लैक किया और जमकर मनमानी धन उगाही की। कई लोगों ने नकली इंजेक्शन तक तीमारदारों को हजारों लेकर थमाया। कई एजेंट और कारोबारी काला बाजारी में जेल भी भेजे गए। लेकिन आज यह इंजेक्शन बाजार में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं लेकिन खरीदार नहीं।कारोबारी कहते हैं कि अब इसकी डिमांड खत्म होने की ओर है। माल डंप है लेकिन खरीदार नहीं।
लखनऊ केमिस्ट एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश कुमार ने बताया कि अब रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग नही रह गई है। गिने-चुने ग्राहक ही बाजार में दिखते हैं। डिमांड कम है और रेमडेसिविर की संख्या बहुत ज्यादा है।
थोक कारोबारी एवं संगठन मंत्री दवा विक्रेता समिति के प्रदीप चंद्र जैन टोनी ने बताया कि रेमडेसिविर की शार्टेंज जैसे हालात अब नहीं हैं। मेडिसिन बाजार में इंजेक्शन भरा पड़ा है। संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आने से इस की जरूरत काफी कम हो गई है।
संत निरंकारी सत्संग भवन में निशुल्क कोविड-19 टीकाकरण केंद्र की स्थापना
संत निरंकारी मिशन द्वारा निशुल्क कोविड-19 टीकाकरण अभियान की शुरुआत सात जून से सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे, संत निरंकारी सत्संग 1-डी सिंगरनगर भवन में की जा रही है कोविड-19 महामारी के इन चुनौतीपूर्ण समय के दौरान,संत निरंकारी मिशन, लखनऊ शाखा द्वारा सोमवार 7 जून 2020 से संत निरंकारी सत्संग भवन, 1-डी सिंगरनगर लखनऊ में एक कोविड-19 टीकाकरण शिविर आयोजित किया जा रहा है। यह केंद्र सोमवार से शनिवार, सुबह 9 बजे से शाम 5.00 बजे तक 45 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों को सुविधा प्रदान करेगा। टीकाकरण के लिए आने वाले लोगों से अनुरोध है, टीकाकरण केंद्र में आते समय अपने आधार कार्ड लेकर अवश्य आये और मास्क पहनें, इसी तरह के टीकाकरण केंद्र भारत के अन्य हिस्सों में संत निरंकारी सत्संग भवनों को आवंटित किए गए हैं। साथ ही, पिछले महीने, संत निरंकारी मिशन ने दिल्ली सरकार की मदद से सभी आवश्यक बुनियादी ढांचे के साथ 1000 बिस्तरों वाली कोविड उपचार सुविधा शुरू की।