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RGA news
यूपी के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम डीएलएड 2021 में मेरिट से ही अभ्यर्थियों का चयन होगा।
उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम डीएलएड 2021 में मेरिट से ही अभ्यर्थियों का चयन होगा। प्रवेश जुलाई से शुरू होना है और सितंबर तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने की तैयारी है।
प्रयागराज उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) 2021 में मेरिट से ही अभ्यर्थियों का चयन होगा। प्रवेश जुलाई से शुरू होना है और सितंबर तक प्रवेश प्रक्रिया पूरी करने की तैयारी है। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उत्तर प्रदेश प्रयागराज ने प्रस्ताव भेज दिया है। इसके पहले प्रवेश के लिए लिखित परीक्षा का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन इधर कोरोना संक्रमण की वजह से जिस तरह से परीक्षाएं स्थगित हो रही हैं उसमें परीक्षा कराना मुश्किल था।
परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय उत्तर प्रदेश प्रयागराज की ओर से फरवरी में भेजे गए दो वर्षीय प्रशिक्षण पाठ्यक्रम डीएलएड में इस बार बड़े बदलाव की तैयारी थी। पहले पंचायत चुनाव व यूपी बोर्ड परीक्षाओं का कार्यक्रम तय न होने से यह कोर्स लंबे समय तक लटका रहा। इसका पाठ्यक्रम प्रदेश के 67 जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों व 3103 निजी कालेजों में संचालित हो रहा है। सरकारी संस्थानों में 10,600 व निजी कालेजों में 2,31,600 सीटें हैं।
शिक्षक भर्ती में डीएलएड व अन्य पाठ्यक्रमों के साथ ही बीएड के अभ्यर्थियों को भी मौका दिया जा रहा है। शासन की मंशा थी कि मेधावी ही हर पद पर चयनित हों। उत्तर प्रदेश परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय ने लिखित परीक्षा से प्रवेश का प्रस्ताव किया था। लिखित परीक्षा इस समय होना मुश्किल है इसलिए पहले जिस तरह मेरिट से चयन होता था, वही प्रक्रिया इस बार भी अपनाई जाएगी।
डीएलएड 2020 में भी प्रवेश नहीं : कोरोना संक्रमण की वजह से ही डीएलएड 2020 के लिए भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं हो सकी थी। उस समय भी परीक्षा संस्था ने समय रहते इसका प्रस्ताव भेजा था। संक्रमण के हालात कुछ सुधरने पर डीएलएड 2020 के लिए प्रवेश कराने की मुहिम निजी कालेजों ने शुरू की, लेकिन इस पर निर्णय नहीं हो सका था।
बीएड से घटा रुझान : प्राथमिक स्कूलों की शिक्षक भर्ती में बीएड को सशर्त मान्य करने से प्रतियोगियों में डीएलएड करने का रुझान कम हुआ है। दरअसल बीएड करने से अभ्यर्थी अन्य शिक्षक भर्तियों में भी शामिल हो सकते हैैं, जबकि डीएलएड से सिर्फ प्राथमिक स्कूलों की भर्ती में प्रतिभाग कर सकेंगे। इसीलिए निजी कालेजों में बड़ी संख्या में सीटें खाली रही हैं।