मेरठ में 15 करोड़ की लागत से बनेगा बच्चों का आइसीयू, 22 वेंटिलेटरों से लैस होगा यह वार्ड

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मेरठ मेडिकल कालेज में पीडियाट्रिक आइसीयू बनाने का काम तेज।

मेरठ मेडिकल कालेज में पीडियाट्रिक आइसीयू बनाने का काम तेज। 22 वेंटिलेटरों से लैस होगा वार्ड बाईपैप भी मंगाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कालेजों में पीकू बनाने के लिए कहा है।

मेरठ कोरोना की तीसरी लहर से पहले मेडिकल कालेज में पीडियाट्रिक आइसीयू बनाने का काम तेज कर दिया गया है। विशेषज्ञों ने इसी साल अक्टूबर-नवंबर में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका जताई है, ऐसे में शासन हाई अलर्ट है। एलएलआरएम में 15 करोड़ की लागत से पीकू (पीडियाट्रिक आइसीयू) बनाया जा रहा है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा व्यवस्था होगी। गंभीर मरीजों के लिए 50 बेडों के वार्ड में 22 वेंटिलेटर लगाए जाएंगे।

प्राचार्य डा. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी राजकीय मेडिकल कालेजों में पीकू बनाने के लिए कहा है। लखनऊ और गोरखपुर में पहले से पीकू बना हुआ है, जबकि अन्य कालेजों में नए सिरे से बनाया जा रहा है। विभागाध्यक्ष डा. विजय जायसवाल की अगुआई में वार्ड में लगाए जाने वाले उपकरणों की डिमांड प्रदेश सरकार को भेजी गई है। बच्चों के इलाज के लिए वेंटिलेटर एवं वाईपैप दोनों ही छोटे आकार के लगाए जाएंगे। बच्चों की साइज के हिसाब से नए मास्क भी मंगाए जाएंगे। हाई फ्लो नेजल केनुला की व्यवस्था की जा रही है, जिससे जरूरत पडऩे पर 20 लीटर प्रति मिनट की दर से बच्चों को आक्सीजन दी जा सकेगी।

निजी अस्पतालों में भी बनेंगे पीकू

प्रदेश सरकार ने सभी 31 कोविड अस्पतालों में बच्चों के आइसीयू बनाने का निर्देश दिया है। कई अस्पताल पांच से दस बेड का पीकू बना रहे हैं। प्रशासन ने आइएमए और बाल रोग विशेषज्ञों के साथ मीटिंग कर तैयारियां करनी शुरू कर दी है। निजी अस्पतालों में बाल रोग विशेषज्ञों की नियुक्ति अनिवार्य की जाएगी।

तीसरी लहर से पहले प्रशासन एक प्रशिक्षण कैंप लगाएगा, जिसमें पैरामेडिकल स्टाफ को पीकू में काम करने की चुनौतियों से रूबरू कराया जाएगा। बाल रोग विशेषज्ञों से परामर्श मांगा गया है।

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