शादी में जेवर कम मिलने पर रूठ गई दुल्हन, विवाह से इन्कार कर दूल्हे को भी बनाया बंधक

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फतेहपुर में दुल्हन ने शादी से किया इन्कार। गाजीपुर थाना क्षेत्र के सुकेती गांव से राम किशोर राजपूत के पुत्र दीपू की बरात शनिवार देर रात कोतवाली बिंदकी के चूरामन खेड़ा गांव बिना बैंडबाजे के पहुंची। बरात का यह हाल देख वधू पक्ष में कानाफूसी शुरू हो गई थी।

फतेहपुर,शादियों में प्राय: ऐसे किस्से सुनने में आते हैं जिन्हें खबर या सुर्खियां बनने में देर नहीं लगती। किसी-किसी किस्से में तो यह भी देखने को मिलता है कि फेरे भी हो गए और ऐन मौके पर कोई न कोई पक्ष शादी से इन्कार कर देता है। अब ऐसा क्यों है इसके पीछे सबकी अपनी-अपनी वजह है। बहरहाल, इस खबर में हम बात कर रहे हैं यूपी के फतेहपुर में हुई शादी के दौरान घटित एक घटना की। दरअसल, यहां एक अजीब वाकया हुआ। चढ़ावे में कम जेवर आने पर दुल्हन ने शादी से इन्कार कर दिया, ऐसा तब हुआ जब सभी बराती भोजन कर चुके थे। लेन-देन को लेकर हाईवोल्टेज ड्रामा शुरू हुआ एक-एक बराती क्रमश: विवाहस्थल से खिसकता गया। इतना ही नहीं शादी से इन्कार करने के बाद दूल्हे समेत तीन लोगों को वधू पक्ष ने बंधक बना लिया। शादी में घटित घटना रविवार को पूरे गांव में चर्चा का विषय बनी रही।

ये है पूरा मामला:  गाजीपुर थाना क्षेत्र के सुकेती गांव से राम किशोर राजपूत के पुत्र दीपू की बरात शनिवार देर रात कोतवाली बिंदकी के चूरामन खेड़ा गांव बिना बैंडबाजे के पहुंची। बरात का यह हाल देख वधू पक्ष में कानाफूसी शुरू हो गई। बरातियों को खाना खिलाने के बाद वधू के पिता छोटेलाल राजपूत ने दूल्हे के पिता से चढ़ावे में लाए गए जेवरात दिखाने को कहा।

दल्हे के पिता ने जो जेवरात दिखाए, उससे वधू पक्ष संतुष्ट नहीं हुआ। इसकी जानकारी दुल्हन को हुई तो उसने शादी से इन्कार कर दिया। 

वर पक्ष को बनाया बंधक और मांगा स्वागत का खर्च: शादी तो लगभग टूट ही चुकी थी, लेकिन ड्रामा यहीं नहीं थमता है। इसके बाद वधू पक्ष ने दूल्हा, उसके पिता व एक नजदीकी रिश्तेदार को बंधक बना लिया। साथ ही शादी में हुए खर्च पर पंचायत शुरू करने का निर्णरू लिया। दूल्हा के पिता बरात के स्वागत में हुआ खर्च देने को राजी हो गए। इस पर रविवार को दूसरे दिन दोपहर बाद तीनों को छोड़ दिया गया। 

वधू पक्ष ने दी सफाई: पूरा किस्सा खत्म तब हुआ तब दुल्हन के पिता ने अंतिम सफाई दी। उन्होंने कहा कि किसी को बंधक बनाने की बात गलत है, सिर्फ रुपयों के लेन-देन का हिसाब करने के लिए रोका गया था। 

इनका ये है कहना: एसआइ राम नरेश ने बताया कि चौकीदार को भेजा गया था, लेकिन दोनो पक्षों के सुलह हो जाने से कोई कार्रवाई नहीं की गई। 

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