ब्लैक फंगस के लिए एंफोटेरेसिन-बी आने की गति बढ़ी, पर पूरी तरह से राहत नहीं

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ब्लैक फंगस के इलाज के लिए एंफोटेरेसिन-बी इंजेक्शन लखनऊ की मार्केट में आने लगी है।

एंफोटेरेसिन-बी इंजेक्शन की आपूर्ति में सुधार हो रहा है। पहले यह इंजेक्शन रोज बीस पचीस और चालीस की संख्या में आ रहे थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 100 150 और 200 तक पहुंच गई है। इससे लोगों को राहत मिलना शुरू हो गई है।

लखनऊ एंफोटेरेसिन-बी इंजेक्शन आपूर्ति की गति अब धीरे-धीरे बढऩे लगी है। हालांकि मरीजों को अभी पूरी तरह से राहत नहीं मिली है, लेकिन तीमारदारों की संख्या में कमी आने और आपूर्ति बेहतर होने से हालातों में निरंतर सुधार हो रहा है। पहले यह इंजेक्शन रोज बीस, पचीस और चालीस की संख्या में आ रहे थे। अब इनकी संख्या बढ़कर 100, 150 और 200 तक पहुंच गई है। इससे लोगों को राहत मिलना शुरू हो गई है।

पहली से छह जून तक वितरित हुए 688 इंजेक्शन: वितरण व्यवस्था देख रहे रेडक्रास सोसाइटी के सदस्य जितेंद्र ङ्क्षसह चौहान और अरङ्क्षवद पाठक बताते हैं कि अभी दिक्कत है, लेकिन पहली जैसी नहीं। पहले डोज बहुत कम आती थी। बीच-बीच में गैप भी हो जाता था। इससे तीमारदारों की संख्या रेडक्रास काउंटर पर बढ़ती जा रही थी, लेकिन 29 मई से डोज अधिक संख्या में पहुंचने लगी। बीते एक से छह जून के बीच 688 एंफोटेरेसिन-बी की वायल आई हैं। औसतन रोज सौ और इससे अधिक डोज आने लगी हैं।

तीन की जगह एक दिन की डोज देकर हालात नियंत्रित करने की कोशिश: वितरण व्यवस्था का काम देख रहे सोसाइटी के सदस्य जितेंद्र बताते हैं कि एक तो डोज बढऩा शुरू हो गई हैं, दूसरे हालातों को संभालने के लिए अब तीन दिन की बजाय रोज तीमारदारों एक-एक दिन की डोज उपलब्ध कराई जा रही है। आशय यह कि आपूर्ति में सुधार और सभी को एक दिन का इंजेक्शन दिए जाने से हालात नियंत्रित होते जा रहे हैं। साथ ही पर्चा काटे जाने की गति में भी अब कमी आई है।

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