RGA news
कॉलेज में पहले आए एंफोटेरेसिन-बी इंजेक्शन रविवार को देर रात उपलब्ध करा दिए गए हैं। वहीं इंजेक्शन लगने से जिन 27 फंगस के मरीजों की हालत बिगड़ गई थी वह अब स्वस्थ्य हैं। दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने सागर के बाद जबलपुर व अन्य जिलों में एंफोटेरिसिन-बी के दूसरे लॉट में प्राप्त इंजे
मेडिकल कॉलेज में पहले आए एंफोटेरेसिन-बी इंजेक्शन रविवार को देर रात उपलब्ध करा दिए गए हैं। वहीं इंजेक्शन लगने से जिन 27 फंगस के मरीजों की हालत बिगड़ गई थी वह अब स्वस्थ्य हैं। दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने सागर के बाद जबलपुर व अन्य जिलों में एंफोटेरिसिन-बी के दूसरे लॉट में प्राप्त इंजेक्शन की जांच कराने की मांग को लेकर इसे लोगों की जान के साथ खिलवाड़ बताया है।
कोरोना संक्रमण के जैसे-तैसे हालात संभले हैं तो ब्लैक फंगस ने कहर बरपाना शुरू कर दिया। कोरोना की दूसरी लहर में सरकार की बद इंतजामी के कारण प्रदेशा के कई फंगस से ग्रस्त मरीजों की जान पर बन आई थी। जिले के बुंदेलखंड मेडीकल कॉलेज में 42 फंगस के मरीज भर्ती हैं, लेकिन शनिवार को देर रात इन मरीजों को शासन द्वारा भेजे गए एंफोटेरेसिन-बी के बदले हुए ब्रांड के इंजेक्शन लगाए जाने के बाद से 27 मरीजों की हालत बिगड़ गई थी। गनीमत यह रही कि बीएमसी के विशेषज्ञों द्वारा मरीजों का सिंप्टोमेटिक ट्रीटमेंट किया गया।
मामले का तत्काल पता चलने के बाद बीएमसी के डॉक्टरों ने मरीजों का इलाज शुरू कर दिया था जिससे सागर में कोई बड़ा हादसा नहीं हो सका। यह इंजेक्शन पहले आए उच्च गुणवत्ता के इंजेक्शन के हटकर दूसरे ब्रांड के थे जो कि पहले वाले इंजेक्शन से सस्ते थे।
दो सौ डोज इंजेक्शन पहुंचे सागर
एंफोटेरेसिन-बी इंजेक्शन पर रोक लगाए जाने के बाद बीएमसी प्रबंधन द्वारा इसकी शिकायत शासन स्तर पर भी की गई थी, जिसके बाद अब इन इंजेक्शनों को वापिस भेजने की तैयारी हो गई है। वहीं बीएमसी के मीडिया प्रभारी डॉ. उमेश पटेल ने कहा कि एंफोटेरेसिन-बी के पुराने ब्रांड वाले दो सौ डोज नए इंजेक्शन को शासन ने बीएमसी भेजा है। इन इंजेक्शनों को आवश्यकतानुसार मरीजों को लगाया जा रहा है। वहीं शनिवार को जिन मरीजों की हालत बिगड़ी थी वह सभी समय पर बेहतर इलाज मिलने के कारण अब पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। बीएमसी के डीन डॉ. आरएस वर्मा सहित जिला प्रशासन के अधिकारियों ने मरीजों व उनके परिजनों से चर्चा की है जिसमें सभी मरीज अब स्वस्थ्य हैं।
इंजेक्शन घटिया क्वालिटी के इसकी जांच की जाए : चौधरी
फंगस बीमारी के इलाज में प्रयोग होने वाले इंजेक्शन की सप्लाई मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में सरकार द्वारा की जा रही है। मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की डिमांड पर सरकार यह इंजेक्शन भेज रहा है, लेकिन इस बार ब्रांड बदले जाने से यह समस्या सामने आई। पहले वाला इंजेक्शन बेहतर क्वालिटी के साथ कुछ महंगा था, लेकिन यह इंजेक्शन सस्ता था। बीएमसी के अधिकारी ने भी स्वीकार किया कि दूसरे ब्रांड के इंजेक्शन के कारण ही मरीजों की तबीयत बिगड़ी एवं जबलपुर सहित दूसरे जिलों में भी इस तरह की समस्याएं सामने आई हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने कहा कि प्रदेश की शिवराज सरकार पैसे बचाने के लिए आमजनों की जान जोखिम में डालने से नहीं चूक रही है। उन्होंने कहा कि एंटी फंगल इंजेक्शन की सप्लाई सिर्फ सरकार के माध्यम से की जा रही है। फंगस के मरीजों को जो इंजेक्शन लगाए गए उसकी कीमत लगभग 324 रुपये है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि शासन स्तर पर सस्ते इंजेक्शन की खरीदी कर मरीजों की जान जोखिम में डालने का काम किया जा रहा है। चौधरी ने कहा कि सभी इंजेक्शन की सप्लाई की उच्च स्तरीय जांच करें व दोषियों पर कार्रवाई की जाए।