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कुतुबखाना, अस्पताल रोड, श्यामगंज, आलमगीरी गंज समेत सभी बाजारों में लौटी रौनक।
कोरोना संक्रमण की रफ्तार मंद पड़ने और जिले में संक्रमितों की संख्या 600 से कम होने पर जिले को भी अनलॉक कर दिया गया। सोमवार को 38 दिन बाद बाजार खुले तो सड़कों पर रौनक दिखाई दी। शहर के सभी बाजारों में ग्राहकों की अच्छी खासी भीड़ रही।
बरेली,कोरोना संक्रमण की रफ्तार मंद पड़ने और जिले में संक्रमितों की संख्या 600 से कम होने पर जिले को भी अनलॉक कर दिया गया। सोमवार को 38 दिन बाद बाजार खुले तो सड़कों पर रौनक दिखाई दी। शहर के सभी बाजारों में ग्राहकों की अच्छी खासी भीड़ रही। लोग शारीरिक दूरी भूलकर खरीदारी करते रहे। कई ऐसे लोग भी थे जो बिना मास्क या मास्क को नाक और मुंह के नीचे लगाए थे। कोरोना कर्फ्यू के 38 दिन बाद सोमवार को बाजार खुले तो सभी ट्रेड को मिलाकर करीब 250 करोड़ से अधिक का कारोबार होने का अनुमान लगाया जा रहा है।
सोमवार को बाजार सुबह सात बजते ही शहर के व्यापारियों ने बाजार खोलना शुरू कर दिया था। ऐसा नहीं कि उस समय बाजार में सिर्फ दुकानदार ही थे, ग्राहकों की आवक भी शुरू हो गई थी। हालांकि सुबह के समय किराना बाजारों में ही भीड़ थी, लेकिन जैसे जैसे समय गुजरता गया भीड़ बढ़ती गई। सुबह के दस बजने तक शहर के चौराहों, तिराहों पर यातायात एक बड़ी समस्या बन चुका था। शहर के पटेल चौक पर वाहनों की लंबी कतार के चलते जाम की स्थिति बन गई। यही हाल कुतुबखाना चौराहा का भी था।
इन दोनों चौराहों से होकर ही मुख्य बाजारों में लोग पहुंचते हैं, इसके चलते सबसे ज्यादा वाहनों की भीड़ यहीं रही।अच्छी बात यह रही कि वाहनों से निकले 70 फीसद लोग मास्क लगाए नजर आ रहे थे। दोपहर 12 बजे तक शहर के सभी बाजारों में रौनक नजर आने लगी थी। शहर के कुतुबखाना, अस्पताल रोड, श्यामगंज, आलमगीरीगंज, पुराना रोडवेज, सिकलापुर आदि बाजारों में भीड़ इतनी थी कि ग्राहक मास्क भले लगाए थे लेकिन शारीरिक दूरी गायब थी।व्यापार मंडल की अलग अलग कमेटियों के हिसाब से अनलॉक के पहले दिन बाजार गुलजार रहा।सबसे ज्यादा भी किराना, इलेक्ट्रॉनिक्स, कूलर, पंखे आदि की दुकानों पर नजर आई।
पहले सफाई फिर ग्राहकी : करीब डेढ़ महीने बाद सोमवार को बाजार खुला तो दुकानों पर काफी गंदगी भी जमा हो गई थी। इसके चलते दुकानदारों ने सोमवार को सबसे पहले खुद और अपने कर्मचारियों के साथ मिलकर सफाई की। इसके बाद ग्राहकी शुरू की। इस दौरान कई दुकानदारों का चुहों ने काफी नुकसान भी कर दिया। इसमें कपड़ा, प्लास्टिक, कांफेक्सनरी, प्लास्टिक आदि दुकानदारों का ज्यादा नुकसान हुआ।
हर ट्रेड में पहुंचे ग्राहक : अलग अलग ट्रेड के व्यापारियों ने बताया कि 38 दिन लगातार बाजार बंद रहने के चलते घरों में ज्यादातर जरूरी चीजें खत्म हो चुकी थीं। सोमवार को जब बाजार खुला तो लोग खरीदारी को निकले। लगभग हर ट्रेड के खरीदार बाजार में थे। किराना, खाद्यान्न, क्रॉकरी, बर्तन, कपड़ा, कांफेक्सनरी, इलेक्ट्रानिक्स, इलेक्ट्रिक गुड्स सभी को मिलाकर अगर देखा जाए तो जिले में सोमवार को 250 से करोड़ से अधिक का कारोबार होने का अनुमान है।
जिले में ट्रेड के हिसाब से कारोबार
किराना : 50 करोड़
खाद्यान्न - 50 करोड़
कपड़ा - 30 करोड़
हौजरी - 20 करोड
इलेक्ट्राॅनिक्स - 30 करोड़
इलेक्ट्रिक गुड्स - 20 करोड़
सर्राफा : 20 करोड़
बर्तन : 2 करोड़
क्रॉकरी : 1 करोड़
प्लास्टिक गुड्स : 2 करोड़
फुटवियर : 2 करोड़
मोबाइल व अन्य गैजेट : 30 करोड़