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पुलिस के ये अस्पताल भी आर्मी के अस्पतालों की तर्ज पर संचालित हो सकते हैं
अपर पुलिस आयुक्त डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस अस्पतालों में कोरोना महामारी के दौरान दर्जनों मरीजों की जान बचाई गई है। यहां ओपीडी शुरू करके तमाम पुलिसकर्मी व उनके स्वजन की कोरोना जांच भी कराई गई और बेहतर उपचार मुहैया कराया गया।
कानपुर, कोरोना महामारी की दूसरी लहर में पुलिस के अस्पतालों में भी दर्जनों मरीजों की सेवा हुई। कोरोना संक्रमित पाए गए पुलिस व पीएसी के ज्यादातर जवान और उनके परिवारीजनों का इलाज इन्हीं अस्पतालों में हुआ और वह ठीक होकर अपने घर गए। अब शासन ने इन अस्पतालों को और बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने की तैयारी की है। इसमें वेंटिलेटर, एक्स-रे मशीन व पैथोलॉजी आदि भी शामिल है।
पिछले दिनों पुलिस मुख्यालय की ओर से कमिश्नरेट पुलिस के साथ ही 21 जिलों के कप्तानों को पत्र भेजकर वहां पुलिस अस्पतालों में उपलब्ध संसाधनों का ब्योरा मांगा गया है। दिए गए फॉर्मेट में अधिकारियों को पुलिस के अस्पतालों का क्षेत्रफल, मौजूदा बेड की संख्या, एक्स-रे और पैथोलॉजी की सुविधा है या नहीं आदि बातों की जानकारी मांगी गई है। साथ ही अस्पताल में डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या के बारे में पूछा गया है।
माना जा रहा है कि ब्योरा मिलने के बाद पुलिस मुख्यालय की ओर से इन अस्पतालों में संसाधनों व स्टाफ की कमी को पूरा किया जाएगा।
अपर पुलिस आयुक्त डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस अस्पतालों में कोरोना महामारी के दौरान दर्जनों मरीजों की जान बचाई गई है। यहां ओपीडी शुरू करके तमाम पुलिसकर्मी व उनके स्वजन की कोरोना जांच भी कराई गई और बेहतर उपचार मुहैया कराया गया। पुलिस मुख्यालय की ओर से अब पुलिस अस्पताल में मौजूद संसाधनों का ब्योरा भी मांगा गया है। आने वाले वक्त में पुलिस के ये अस्पताल भी आर्मी के अस्पतालों की तर्ज पर संचालित हो सकते हैं