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लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय को भेजा जाएगा
इससे कम जगह में अधिक उद्योग लगेंगे। वहीं उद्यमियों को भी उद्योग लगाने में आसानी होगी क्योंकि उन्हेंं किसी विभाग से एनओसी लेने की जरूरत नहीं होगी। जल्द ही प्रोजेक्ट तैयार कर सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय को भेजा जाएगा
कानपुर, उप्र राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) प्रबंधन उन्नाव स्थित ट्रांसगंगा हाईटेक सिटी और प्रयागराज के नैनी की सरस्वती हाईटेक सिटी में फ्लैटेड फैक्ट्री भी बनाएगा। इससे कम जगह में अधिक उद्योग लगेंगे। वहीं, उद्यमियों को भी उद्योग लगाने में आसानी होगी क्योंकि उन्हेंं किसी विभाग से एनओसी लेने की जरूरत नहीं होगी। जल्द ही प्रोजेक्ट तैयार कर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय को भेजा जाएगा।
भूमि अधिग्रहण में आ रही दिक्कतों को देखते हुए अब सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय फ्लैटेड फैक्ट्री को बढ़ावा दे रहा है। इससे कम समय में कई उद्योग लग जाते हैं और उद्यमी भी भागदौड़ से बच जाते हैं क्योंकि भवन बनाने के साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अग्निशमन, कारखाना आदि कई विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) मिल जाते हैैं जबकि सामान्यत: इन विभागों से एनओसी लेने में उद्यमियों को महीनों लग जाते हैं। भूमि अधिग्रहण की बात करें तो किसानों से भूमि लेना टेढ़ी खीर है। किसान मुआवजा लेने के बाद भी भूमि पर कब्जा नहीं देते और मुआवजा बढ़ाने की मांग करते हैं। ट्रांसगंगा सिटी की स्थापना में भी यही समस्या आई थी। किसानों ने यहां दोबारा मुआवजा लिया और विकसित भूमि भी लेंगे। ऐसे कई जगह हुआ जहां दोबारा मुआवजा लेने के बाद ही किसानों ने भूमि पर मुआवजा लिया। यही वजह है कि अब फ्लैटेड फैक्ट्री को बढ़ावा दिया जा रहा है। ट्रांसगंगा और सरस्वती हाईटेक सिटी में भी उद्यमियों से राय ली जाएगी और वहां फ्लैटेड फैक्ट्री की स्थापना पर काम होगा। फैक्ट्री के निर्माण में मंत्रालय 12-12 करोड़ रुपये तक की मदद दे देगा। इससे प्राधिकरण को बहुत ज्यादा राशि भी खर्च नहीं करनी होगी। फ्लैटेड फैक्ट्री में उद्यमी सिर्फ बिजली बोर्ड में प्लग लगाएंगे और फर्नीचर रखकर काम शुरू कर देंगे।