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कोरोना के बाद अब नई बीमारी की चपेट में बच्चे।
कानपुर शहर में बालरोग अस्पताल में कोरोना से उबरे आठ बच्चे नई बीमारी चपेट में आकर भर्ती हुए हैं। बीमार बच्चों की केस हिस्ट्री में सामने आया कि सभी को पहले कोरोना संक्रमण हो चुका है अब उनका इलाज चल रहा है।
कानपुर, कोरोना वायरस की तीसरी लहर का कहर बच्चों पर न पड़े, इसके लिए अभी से शासन-प्रशासन जोर-शोर से तैयारियों में जुटा है। इन तैयारियों के बीच जिले में बच्चों में नई बीमारी ने दस्तक दे दी है-सिस्टम इंफ्लामेट्री-सिंड्रोम (एमआइएस-सी)। कोरोना से उबरे बच्चे इस नई बीमारी की चपेट में आकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे आठ बच्चे जीएसवीएम मेडिकल कालेज के बालरोग अस्पताल में अब तक भर्ती हो चुके हैं।
बालरोग अस्पताल के विभागाध्यक्ष प्रो. यशवंत राव ने बताया कि इन बच्चों की केस हिस्ट्री का जब पता लगाया गया तो जानकारी हुई इन सभी को पहले कोरोना का संक्रमण हो चुका है। किसी बच्चे को आइसीयू की जरूरत नहीं पड़ी है। सभी को बाल रोग अस्पताल की इमरजेंसी में ही मैनेज कर लिया गया।
रोग प्रतिरोध क्षमता होती अनियंत्रित
एमआइएस-सी की चपेट में बच्चे कोरोना से उबरने के दो से छह हफ्ते बाद आ रहे हैं। इसका संक्रमण होने पर बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता अनियंत्रित हो जाती है। इस वजह से उनके शरीर के प्रमुख अंगों पर असर पड़ता है। अगर समय पर इस बीमारी के लक्षण पहचान कर इलाज किया जाए तो बच्चे पूरी तरह से ठीक हो जाते हैं।
इन लक्षणों को न करें नजरअंदाज
-24 घंटे तक बच्चे को 100.4 डिग्री से ज्यादा बुखार।
-पेट में दर्द, डायरिया, उल्टी या पेट में मरोड़।
-गर्दन में दर्द, त्वचा पर चकत्ते या रंग में बदलाव।
-सांस में तकलीफ सीने में दर्द या दबाव लगना।
-चेहरे या होंठ नीला पडऩा, सोकर उठने में दिक्कत।
-बच्चों की आंखें पूरी तरह से लाल हो जाना।
-हाथ और पैरों में सूजन आने लगना।
ये जांच जरूरी
-रक्त की जांच के साथ चेस्ट का एक्सरे
-दिल का अल्ट्रासाउंड, इकोकार्डियोग्राम और पेट का अल्ट्रासाउंड
ऐसे करें बचाव
-बच्चों को मास्क पहनाएं, संक्रमित से दूर रखें
-हाथ को बीस सेकेंड तक धोने की आदत डालें
-शारीरिक दूरी का पालन करना सिखाएं
-बच्चों को बाहर लेकर जाएं तो सतह को छूने से बचाएं
- घर की फर्श को भी डिसइंफेक्ट करते रहें
-बच्चों के खिलौने और कपड़े अच्छी तरह साफ करें
- -जिन बच्चों को पहले कोरोना का संक्रमण हो चुका है, उनमें तेज बुखार, उल्टी और दस्त हो रहा है। डायरिया की वजह से बच्चे बेहाल हो रहे हैं। बाल रोग विभाग के कंसल्टेंट इसे मल्टी सिस्टम इंफ्लामेट्री-सिंड्रोम का लक्षण बता रहे हैं। देश के दूसरे हिस्सों में भी इसका संक्रमण बच्चों को होने की रिपोर्ट आई है। यहां भर्ती बच्चों की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है।