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RGA news
बच्चियों की उम्र 8 व 11 वर्ष। एक बच्ची को अभिभावक लेने आए, दूसरी को आर्थिक मदद देते हुए घर भेजने की की व्यवस्थ
भोपाल, बाल कल्याण समिति और रेलवे चाइल्ड लाइन की मदद से दिल्ली से ट्रेन में बैठकर भोपाल पहुंची आठ साल की बच्ची को उसके घर पहुंचा दिया गया है। दरअसल, बच्ची के माता-पिता काफी गरीब हैं और बेटी को लेने आने में उन्होंने असमर्थता जताई थी। इसके चलते समिति और रेलवे चाइल्ड लाइन ने उनका और बच्ची का रिजर्वेशन कराया। साथ ही उन्हें कुछ आर्थिक सहायता भी दी, जिससे वे सकुशल दिल्ली वापस पहुंच सकें।
चाइल्ड लाइन कॉर्डिनेटर संजीव जोशी ने बताया कि यह बच्ची करीब 20 दिन पहले अपनी 11 वर्षीय सहेली के साथ रेलवे चाइल्ड लाइन को स्टेशन पर मिली थी। कोविड गाइड लाइन को ध्यान में रखते हुए दोनों सहेलियों को गांधी नगर स्थित हॉस्टल में रखा गया था। यहां से ये दोनों सहेलियां भागकर लखनऊ पहुंच गई थी। वहां लखनऊ पुलिस और चाइल्ड लाइन टीम ने बच्चियों को रेस्क्यू किया और वापस गांधी नगर स्थित हॉस्टल में पहुंचाया। इसके बाद 11 वर्षीय बच्ची को लेने तो उसके अभिभावक पहुंच गए, लेकिन आठ वर्षीय बच्ची के माता-पिता ने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए भोपाल आने में असमर्थता जताई।
बाल कल्याण समिति के सदस्य डॉ. कृपाशंकर चौबे ने बताया कि दोनों बच्चियों को ट्रेन में भीख मांगने की आदत सी लग गई है और इस कारण वह पहले एक बार मथुरा चाइल्ड लाइन द्वारा भी रेस्क्यू की गई हैं। इस बार भी दोनों बच्चियों के साथ परिवारों को समझाइश दी गई और एक बच्ची को आठ दिन पहले उसके परिवार के साथ भेज दिया गया। वहीं दूसरी बच्ची को रेलवे चाइल्ड लाइन ने आर्थिक मदद और टिकट की व्यवस्था कर दो दिन पहले घर पहुंचाया है।