डॉ अरिंजय जैन के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने की तैयारी, पारस हास्पिटल सील

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पारस हास्पिटल का निरीक्षण करते डीएम पीएन सिंह और एसएसपी मुनिराज।

डीएम का कहना है कि ऑक्सीजन से अधिक मौतें नहीं हुई हैं अगर कोई भी तीमारदार ऑक्सीजन से हुई मौतों की शिकायत करेगा तो इसकी जांच कराई जाएगी। हॉस्पिटल संचालक पर अलग से मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है

आगरा आखिरकार पारस हास्पिटल के संचालक डॉ अरिंजय जैन पर शिकंजा कसने की तैयारी हो चुकी है। सोमवार को वायरल हुए डॉ जैन के वीडियो के बाद मंगलवार को डीएम पीएन सिंह और एसएसपी मुनिराज ने भगवान टॉकीज स्थित पारस हॉस्पिटल का निरीक्षण किया है। डीएम ने हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ महामारी एक्ट में मुकदमा दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। साथ ही हॉस्पिटल को सील भी किया जा रहा है।  अस्पताल में 50 से अधिक भर्ती मरीजों को दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट करने के लिए CMO को आदेश दिए गए हैं। डीएम का कहना है कि ऑक्सीजन से अधिक मौतें नहीं हुई हैं अगर कोई भी तीमारदार ऑक्सीजन से हुई मौतों की शिकायत करेगा तो इसकी जांच कराई जाएगी। हॉस्पिटल संचालक पर अलग से मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है। 

बता दें कि पिछले साल पारस हॉस्पिटल को सील कर दिया गया था। मरीजों को सैफई स्थित मेडिकल कॉलेज में भेज दिया गया था। बाद में शासन स्तर से आए उच्च फोन से मामला रफा-दफा हुआ था। पारस हॉस्पिटल में सबसे अधिक कोविड-19 मिले थे। 

 वीडियो हुए हैं वायरल

पहला वीडियो

डा अरिंजन जैन बता रहे हैं आक्सीजन सप्लायर के साथ हुई बातचीत। आक्सीजन सप्लायर ने कहा बास कत्‍ल की रात है, आक्सीजन कांड हो गया, सुबह तक का माल है। मोदीनगर ड्राई हो गया, गाजियाबाद ड्राई हो गया, दिल्ली से गाड़ी आ नहीं रही, माल नहीं आ पाएगा। कैसी बातें कर रहे हो। मजाक सा कर रहे हो। आक्सीजन नहीं मिलेगी क्या, तो क्या हो गया डीएम साहब नहीं देंगे। आने दो तो कोई समाधान नहीं है। हम उसकी बात हल्के में ले रहे वो ऐसे बैठा हुआ था, बोला मसाला खिलाओ। हमें आधा घंटा स्वीकार करने में लग गया कि ऐसी घटना भी होगी आगरा में।

दूसरी वीडियो

मुख्यमंत्री भी नहीं मंगा सकते आक्सीजन। 96 मरीज भर्ती थे और 12 घंटे का समय। सप्लायर ने कहा साहब मरीजों को डिस्चार्ज करो। आक्सीजन कहीं नहीं है, मुख्यमंत्री नहीं मंगा सकते आक्सीजन। लोगों को समझाना शुरू किया, भाई समझो बात को, मैंने कहा अब कोई नहीं जा रहा, सब सो जाओ। अब वो छांटो जिनकी आक्सीजन बंद हो सकती है, एक ट्रायल मार दो एक मॉकड्रिल कर के देख लेते हैं, समझ जाएंगे कौन सा मरेगा और कौन सा नहीं मरेगा। सुबह सात बजे माकड्रिल हुई, ये किसी को पता नहीं है। छंंट गए 22 मरीज छंंट गए, ये मरेंगे। नीले पड़ने लगे। 74 बचे, इन्हें टाइम मिल जाएगा और बचा लेंगे इसके बाद तीमारदारों से कहा अपना अपना सिलेंडर लाओ

तीसरा वीडियो

तीमारदारों को पत्र दे दिया 12 घंटे का समय है। 10 बजे तक के लिए आक्सीजन है, अपने मरीज को कहीं ले जाओ, तीमारदारों ने कहा कि कहां लेकर जाएं। बेड खाली नहीं हैं। यहां आक्सीजन नहीं मिलेगी तो कहीं और भी नहीं मिलेगी।

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