विनायक चतुर्थी कब है ?जाने मुहूर्त एवं तिथि, पूजन सामग्री, तथा विधि एवं महत्व

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चतुर्थी तिथि श्री गणेश जी को समर्पित होता है। इस दिन भगवान गणेश की आराधना की जाती है। ज्येष्ठ मास की विनायक चतुर्थी जल्द ही आने वाली है। इस व्रत को करने से सुख समृद्धि और यश प्राप्त होता है

 विनायक चतुर्थी ,हिंदू धर्म में सर्वप्रथम भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है। हिंदी पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महीने में दो चतुर्थी तिथि आती हैं। शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं। चतुर्थी तिथि श्री गणेश जी को समर्पित होता है। इस दिन भगवान गणेश की आराधना की जाती है। ज्येष्ठ मास की विनायक चतुर्थी 14 जून दिन सोमवार को है। इस व्रत को करने से सुख, समृद्धि और यश प्राप्त होता है। गणपति संकट को दूर करते हैं, इसलिए इस व्रत को करने से जीवन में कोई संकट नहीं आता है।

विनायक चतुर्थी 2021 मुहूर्त

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 13 जून रात 09 बजकर 40 मिनट से 14 जून को रात 10 बजकर 34 मिनट तक है। पूजा मुहूर्त 14 जून को सुबह 10:58 से दोपहर 01:45 बजे तक है। पूजा के लिए कुल समय 02 घंटे 47 मिनट की है।

चतुर्थी पूजा सामग्री

पूजा में पंचामृत, चंदन, लाल गुड़हल का फूल, दूर्वा, कुमकुम, अगरबत्ती और धूप आदि गणेश जी को अर्पित किया जाता है। मोदक का भोग लगाया जाता है।

व्रत एवं पूजा विधि

इस दिन प्रातःकाल उठकर स्नान करें और विशेष रूप से लाल रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए। घर के मंदिर की साफ-सफाई करनी चाहिए। इसके बाद गंगाजल छिड़कर गणेश भगवान की मूर्ति रखें और दीप जलाएं। दीप जलाकर इस व्रत का संकल्प करें। पूजा के समय गणेश जी को सिंदूर लगा कर दूर्वा जरूर अर्पित करें। गणेश की आरती करने के बाद मोदक का भोग लगाएं, जिससे श्री गणेश अति प्रसन्न होते हैं।

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