गौरव के क्षणः महाराजा रणजीत सिंह AFPI मोहाली के 12 कैडेट्स बने भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट

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महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्सस प्रिपेरटॉरी इंस्टीट्यूट मोहाली के 12 कैडेट्स का चयन लेफ्टिनेंट के रूप में हुआ है।

पंजाब सरकार के इस खास इंस्टीट्यूट से अब तक आठ विभिन्न बैच में 162 कैडेट्स का देश की तीनों सेना में चयन हो चुका है। आईएमए की पासिंग आउट परेड में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले मोगा के लवनीत सिंह भी इसी एकेडमी के स्टूडेंट रहे हैं।

चंडीगढ़, महाराजा रणजीत सिंह आर्म्ड फोर्सज प्रिपेरेटरी इंस्टीट्यूट, मोहाली के 12 कैडेट्स का चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के तौर पर हुआ है। शनिवार को देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) की पासिंग आउट परेड के साथ इन सभी कैडेट्स ने अपनी ट्रेनिंग पूरी कर ली। इन कैडेट्स ने 2 साल तक महाराजा रणजीत सिंह इंस्टीट्यूट में ऑफिसर बनने के लिए कड़ी मेहनत की थी

इंस्टीट्यूट से अब तक 162 कैडेट्स का हो चुका है चयन

पंजाब सरकार के इस खास इंस्टीट्यूट से अब तक आठ विभिन्न बैच में 162 कैडेट्स का देश की तीनों सेना में चयन हो चुका है। आईएमए की पासिंग आउट परेड में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले मोगा के लवनीत सिंह भी इसी एकेडमी के स्टूडेंट रहे हैं। लवनीत मूल रूप से जलालाबाद के रहने वाले हैं और उनके पिता पेशे से किसान हैं। लवनीत को सिख लाइट इंफेंट्री 7वीं बटालियन अलॉटमेंट हुई है। बीते वर्षों में महाराजा रणजीत सिंह इंस्टीट्यूट से हर बार 10 से 15 कैडेट्स का चयन हो रहा है

दो साल तक पंजाब सरकार उठाती है खर्च

इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर मेजर जनरल (रि.) बीएस ग्रेवाल ने बताया कि पंजाब सरकार ने इस इंस्टीट्यूट को खासतौर से युवाओं को भारतीय सेना में ऑफिसर रैंक के लिए तैयार करने के लिए शुरू किया था। इसके काफी अच्छे परिणाम देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि 10वीं के बाद दो साल के लिए पंजाब के डोमिसाइल वाले स्टूडेंट्स का ट्रेनिंग के लिए चयन किया जाता है।

लिखित और शारीरिक टेस्ट के बाद एकेडमी में चयन

लिखित और फिजिकल टेस्ट की मेरिट के आधार पर ही एकेडमी में में चयन किया जाता है। उन्होंने बताया कि हर बैच में करीब 50 स्टूडेंट्स को लिया जाता है। दो साल तक उनका सभी तरह का खर्च पंजाब सरकार उठाती है।बीते दिनों चेन्नई में हुई पासिंग आउट परेड में भी महाराजा रणजीत सिंह एकेडमी के 2 स्टूडेंट्स का चयन भारतीय नौसेना में हुआ था।

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