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मुंबई के सायन ईस्ट इलाके में सड़केंं जलमग्न हो गई है। मानसून की दस्तक के साथ ही मुंबई में बारिश से परेशानियां बढ़ने लगी है जगह-जगह पानी भरने से लोगों को काफी दिक्कतें हो रही हैं। वहीं बीएमसी का कहना है कि हमने मानसून से निपटने के व्यापक इंतजाम किए हुए हैं।
मुंबई, मुंबई में मानसूनी बारिश का आगमन हो चुका है। पहली ही बारिश ने बृहन्मुंबई महानगर पालिका (BMC) की पोल खोल कर रख दी है। लगातार जारी बारिश से मुंबई के सायन ईस्ट इलाके में सड़कें जलमग्न हो गई है, वहीं अंधेरी सब वे भी पानी से लबालब हो चुका है। मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान मुंबई के पूर्वी उपनगरों में 89.30 मिमी बारिश हुई, पूर्वी उपनगरों में 92.38 मिमी बारिश हुई, और मुंबई शहर में 79.66 मिमी बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार अगले 48 घंटों के दौरान मुंबई और उपनगरों में 'मध्यम से भारी' बारिश होने की संभावना है, 'कुछ स्थानों पर बहुत भारी हो सकती है।
हालांकि बीएमसी का कहना है कि मानसून से निपटने के लिए हमने व्यापक तैयारियों कर रखी हैं लोगों को किसी प्रकार की परेशानी न हो इसके लिए आपदा प्रबंधन एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। दमकल विभाग समेत सभी आपदा प्रबंधन इकाइयों को अलर्ट कर दिया
बीएमसी ने की खाास तैयाारी
बीएमसी ने कहा मुंबई में भारी बारिश के अलर्ट को देखते हुए यहां के तटीय और निचले इलाकों के लिए हाइ अलर्ट जारी कर दिया गया है। बीएमसी के विभागों जैसे बस सर्विस बेस्ट (BEST), शिक्षा विभाग और स्वास्थय विभाग को स्टैंड बाय में रहने के निर्देश दिए गए हैं। आपात स्थिति में लोगों के ठहरने के लिए शिक्षा विभाग को आपातकालीन आश्रय की व्यवस्था करने का आदेश दिया गया है। मीठी नदी के करीब स्थित रिहायशी इलाकों और क्रांति नगर आदि इलाकों चिह्नित किया गया है, अगर स्थिति बिगड़ती है तो यहां रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाएगा।
पूरी रात रुक-रुक कर होती रही बारिश
मौसम विभाग ने शुक्रवार को भी मुंबई के कई इलाकों में येलो अलर्ट जारी किया था। जिसमें मुंबई, नवी मुंबई, रायगढ़, कल्याण, ठाणे में अलग-अलग स्थानों पर मध्यम से तीव्र बारिश होने की संभावना व्यक्त की गई थी। बता दें कि मुंबई में पूरी रात रुक-रुक कर बारिश होती रही। हालांकि सुबह 7 बजे के करीब बारिश की गति कुछ धीमी थी लेकिन लगातार हो रही बारिश के कारण अंधेरी सबवे, किंग सर्किल, सायन, माहिम और कुर्ला जैसे निचले इलाके पूरी तरह जलमग्न हो गए थे।