बदलते मौसम में डीहाइड्रेशन से रहें सावधान, उल्‍टी-दस्‍त व पेट दर्द के रोगियों की बढ़ने लगी है संख्‍या

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RGA news

मौसम बदल रहा है। ऐसे में आप और आपके बच्‍चे स्‍वस्‍थ रहें, इसलिए डाक्‍टरों के टिप्‍स पर अमल करें।

डॉक्टर अंबुज त्रिपाठी का कहना है कि निश्चित मात्रा से कम पानी हुआ तो कमजोरी और चक्कर भी आने लगते हैं। इसलिए किसी को डीहाइड्रेशन होने पर ओआरएस का घोल देते रहें। 

प्रयागराज,कभी चटख धूप तो कभी बारिश की बौछार। यही हाल मौसम का इन दिनों प्रयागराज में है। शहर के कई इलाकों में नलों में पानी की सप्लाई भी दूषित हो रही है। ऐसे में डायरिया यानी डीहाइड्रेशन तेजी से फैलता है। सरकारी अस्पतालों की ओपीडी खुली तो डॉक्टरों के पास मौसम से होने वाली बीमारी के मरीज आने लगे हैं। इनमें उल्टी, दस्त,, पेट दर्द के रोगियों की संख्या ज्यादा है। डॉक्टरों का कहना है कि अपने अलावा बच्चों का खास ख्याल रखना होगा।

जितनी सफाई उतना बचाव

दो तरह के मौसम में सफाई ही बचाव है। घर में सफाई, कमरों की फर्श व बाथरूम में फिनायल का इस्तेमाल जरूर करें। पानी उबाल कर पीएं, खाना ताजा खाएं, पानी घर मे कहीं जमने न दें, कूलर घर में है तो उसे भी साफ रखें। सबसे जरूरी है कि नल से सप्लाई होने वाले पानी के प्रति सतर्क रहें।

बच्चों की देखभाल आप ही को करनी होगी

बच्चों के प्रति जिम्मेदारी इन दिनों ज्यादा जरूरी है। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अम्बुज त्रिपाठी कहते हैं कि बच्चों के नाखून अक्सर गंदे होते हैं, हथेली पर गंदगी के साथ तमाम जहरीले कीटाणु भी रहते हैं। यही गंदगी मुंह के रास्ते गले और पेट में पहुंच कर नर्वस सिस्टम को कमजोर करती है। खाने की पाचन शक्ति अचानक घट जाती है और उल्टी-दस्त होने लगते हैं। इसलिए बच्चों के नाखून हमेशा काटते रहें। उन्हें भी उबला हुआ पानी पिलाएं

घर में रखें ओआरएस

इन दिनों घर में ओआरएस या इलेक्ट्रोल जरूर रखें। किसी को उल्टी-दस्त होने पर शरीर में पानी की कमी होने लगती है। डॉक्टर अंबुज त्रिपाठी का कहना है कि निश्चित मात्रा से कम पानी हुआ तो कमजोरी और चक्कर भी आने लगते हैं। इसलिए किसी को डीहाइड्रेशन होने पर ओआरएस का घोल देते रहें। ज्यादा दिक्कत हो तो मरीज को अस्पताल ले जाकर डॉक्टर को दिखाएं।

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