बटेश्वर की टीम ने 24 रनों से दी टोका को शिकस्त

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बटेश्वर की टीम ने 24 रनों से दी टोका को शिकस्त

11वें श्री बटेश्वरनाथ क्रिकेट टूर्नामेंट का बटेश्वर में आयोजन भाजपा नेताओं ने किया टूर्नामेंट का उद्घाटन

आगरा। बाह क्षेत्र के तीर्थस्थल बटेश्वर में आयोजित क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन मैच बटेश्वर की टीम ने जीत लिया। उन्होंने टोका की टीम को 24 रन से शिकस्त दी।

रविवार को बटेश्वर में 11वां श्री बटेश्वरनाथ क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। पहला मुकाबला बटेश्वर व टोका की टीम के बीच हुआ। 12 ओवरों के मुकाबले में बटेश्वर की टीम ने टोका की टीम को 24 रन से हरा कर अगले दौर में प्रवेश किया। आयोजन समिति के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा ने बताया कि जब तक टीम आती रहेंगी, आयोजन होता रहेगा। इससे पूर्व टूर्नामेंट का उद्घाटन भाजपा के सह संगठन मंत्री कर्मवीर सिह, पूर्वमंत्री अरिदमन सिंह और संत नवल गिरि महाराज ने संयुक्त रूप से फीता काटकर किया। इस मौके पर शिवकुमार शर्मा, महेश कठेरिया, लालसिंह, सोनू गोस्वामी, नितिन गोस्वामी, सूर्यकांत, सौरभ आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद सह संगठन मंत्री और पूर्व मंत्री ने ब्रह्मालालजी मंदिर में पूजा अर्चना की। मुख्य महंत जयप्रकाश गोस्वामी ने पूजा कराई। शारीरिक दूरी के नियमों की अनदेखी, कई चेहरों पर मास्क नदारद

क्रिकेट टूर्नामंट के आयोजन में कोरोना गाइड लाइन की अनदेखी की गई। उद्घाटन स्थल पर मुख्य अतिथियों को छोड़ कई चेहरों पर मास्क नदारद थे। लोगों ने शारीरिक दूरी के नियमों का भी ख्याल नहीं रखा। यहां मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही। हवन कर विश्व कल्याण की प्रार्थना

आगरा। बरहन के आंवलखेड़ा में रविवार को वायुमंडल की शुद्धीकरण के लिए हनुमान मंदिर पर हवन कर आहूति दी गई। गायत्री मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र, सूर्य गायत्री मंत्रों के साथ विश्व कल्याण की प्रार्थना की गई। नंदू कुशवाह, धर्मवीर सिंह, प्रजापति, दीपक परमार, सत्यवीर शर्मा, प्रमोद शर्मा, रामू परमा, संतोष राघव, वीनेश कुमार, सुशील कुमार, राहुल कुमार मौजूद रहे। श्रवण कुमार की कथा सुन श्रोता हुए भाव-विभोर

आगरा। फतेहाबाद कस्बे के मुहल्ला चांद नगर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में श्रवण कुमार की कथा सुन भक्त भाव विभोर हो गए। आचार्य कालिका प्रसाद शास्त्री ने श्रोताओं को श्रवण कुमार का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि श्रवण कुमार अपने अंधे माता-पिता को तीर्थ यात्रा पर ले गए। रास्ते में माता पिता के लिए पानी लेने नदी किनारे पहुंचे। तभी राजा दशरथ ने उन्हें शिकार समझ कर तीर चला दिया। इससे श्रवण कुमार की मृत्यु हो गई। पुत्र की मौत के बाद श्रवण कुमार के माता-पिता ने राजा दशरथ को श्राप दे दिया। कथा सुन श्रोता भाव-वभोर हो गए।

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