पोखर प्रकरण का जिन्‍न आया बाहर, जमीन को लेकर भाजपा नेताओं में फिर आपसी टकराव

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RGA news

एक बार फिर भाजपा के पोखर प्रकरण का जिन्न बाहर आ गया? है। सुरेंद नगर स्थित पोखर को लेकर पार्टी के नेताओं में जबरदस्त टकराव की स्थिति बन गई। कोल विधायक अनिल पाराशर का कहना है कि जिस स्थान पर भी गंदगी है वहां सफाई जरूर होनी चाहिए।

अलीगढ़, चुनाव नजदीक आते ही एक बार फिर भाजपा के पोखर प्रकरण का जिन्न बाहर आ गया? है। सुरेंद नगर स्थित पोखर को लेकर पार्टी के नेताओं में जबरदस्त टकराव की स्थिति बन गई। कोल विधायक अनिल पाराशर का कहना है कि जिस स्थान पर भी गंदगी है वहां सफाई जरूर होनी चाहिए, क्षेत्रीय जनता ने नगर निगम से शिकायत की थी, इसके बाद काम शुरू हो हुआ है। वहीं, वरिष्ठ भाजपा नेता मानव महाजन का कहना है कि जिस स्थान का स्टे है, प्रावइेट जगह है, उसपर बिना सूचना के नगर निगम कैसे सफाई कराने पहुंच गया? इसे लेकर रविवार को करीब आठ घंटे तक पोखर स्थल राजनीतिक अखाड़ा बना रहा। भाजपा के कई मंडल अध्यक्ष और उप सभापति भी मौके पर पहुंच गए थे। यहां गुटबाजी चरम पर दिखाई दे रही थी।

खाली जमीन पर भरा रहता है पानी

श्री माहौर वैश्य विद्या प्रचार ट्रस्ट के अंतर्गत महाउरू पूर्व माध्यमिक विद्यालय है। यहीं पर खाली जमीन है, जिसमें हर समय पानी भरा रहता है। स्थानीय लोगों ने उसे पोखर नाम दे दिया है। हालांकि, ट्रस्ट का दावा है? कि यह ट्रस्ट की है, उनके पास सारे कागजात हैं। इसका कोर्ट में मामला चल रहा है। उनके पास स्टे भी है। इस स्थान को लेकर नगर निगम और ट्रस्ट के बीच कई बार विवाद भी हो चुका है। दो दिन पहले क्षेत्रीय लोगों ने कोल विधायक अनिल पाराशर और एमएलसी डा. मानवेंद्र प्रताप सिंह से मुलाकात की थी। उन्होंने कहा था कि पोखर में गंदगी बनी रहती है, जिससे पूरे क्षेत्र में जलभराव रहता है। एमएलसी डा. मानवेंद्र प्रताप सिंह की गली तक में पानी भर जाता है। इसपर दोनों जनप्रतिनिधियों ने नौरंगाबाद से लेकर पूरे क्षेत्र का भ्रमण किया। रविवार काे नगर निगम की टीम सफाई को पहुंची तो इसे उसी कड़ी से जोड़कर देखा जाने लगा। हवा फैल गई कि नगर निगम पोखर को कब्जा करने जा रहा है। इसपर भाजपा मंडल अध्यक्ष जगदीश महाजन जो वर्तमान में ट्रस्ट के मंत्री हैं वो जेसीबी के आगे बैठ गए। उनके साथ तमाम भाजपा नेता थे। कुछ लोगों ने आरोप कि जनप्रतिनिधियों के इशारे पर नगर निगम कब्जा कर रहा है।

सांसद ने साधी चुप्पी

इस मामले में सांसद सतीश कुमार गौतम ने चुप्पी साध ली। उन्होंने इस प्रकरण के बारे में कुछ नहीं कहा। हालांकि, नगर निगम जिस समय खोदाई का कार्य कर रहा था बताया जाता है कि उस समय निगम के अधिकारियों के पास फोन आ रहे थे, मगर उन्होंने फोन नहीं उठाया। इसको लेकर तमाम चर्चाएं थीं।

इनका कहना है

जनता ने ही सफाई का मुद्दा उठाया था। इसके बाद ही नगर निगम के अधिकारियों से बात की। इसके बाद ही सफाई कार्य शुरू कराया गया। सफाई हाेने से किसी को क्या दिक्कत हो सकती है? जिसके पास जो कागज हो वो नगर निगम में दिखाए। इस मुद्दे से मेरा कोई लेना देना नहीं है।

अनिल पाराशर, कोल विधायक

स्वच्छता अभियान में सभी जनप्रतिनिधि एक साथ खड़े हैं। पूरे शहर में पानी की निकासी ठीक प्रकार से होनी चाहिए। नगर निगम काम भी कर रहा है। इसमें किसी काे कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। वैसे भी सभी जनप्रतिनिधियों का नगर निगम से आग्रह भी है किसी क्षेत्र में जलभराव न हो। इसके लिए सफाई कार्य, पोखर को गहरा करने का काम, अतिक्रमण हटाना जो भी करना पड़े उसे करना चाहिए।

डा. मानवेंद्र प्रताप सिंह, एमएलसी

इस स्थान पर कन्या महाविद्यालय बनना है। तत्तकालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने स्वयं शिलान्यास किया था। ट्रस्ट के पास सारे कागज मौजूद हैं। कोर्ट में केस चल रहा है। हमारी सरकार है और उसमें कोई विवाद खड़ा हो मैं नहीं चाहता। मेरी बात पर सहायक नगर आयुक्त राज बहादुर सिंह ने दोनों पक्षों को सोमवार को बुलवाया है। तहसील के भी लोग होंगे। उसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।

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