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कई जिलों के राजकीय पालीटेक्निक को चयनित किया गया। 40 आइटीआइ को भी निजी हाथों में देने की रूपरेखा तैयार की गई। अभी वहां पर कोर्स संचालित कराने को लेकर संशय बना हुआ है। 40 आइटीआइ को भी निजी हाथों में देने की रूपरेखा तैयार की गई।
कानपुर, प्रदेश के नए बने पालीटेक्निक संस्थानों में आगामी सत्र से पढ़ाई चालू होने पर संशय बना हुआ है। इसकी प्रमुख वजह अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) ने 2022 तक नए तकनीकी संस्थानों को पढ़ाई के लिए मान्यता देने से इन्कार कर दिया है। अब प्राविधिक शिक्षा निदेशालय के अधिकारी मान्यता के लिए सभी तरह की तैयारियों में जुटे हुए हैं। यहां भवन के अनुरूप शिक्षक, स्टाफ, लैब, वर्कशाप और अन्य सुविधाओं को व्यवस्थित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन संस्थानों में हरदोई, मेरठ, सहारनपुर, महोबा, आजमगढ़, बाराबंकी शामिल हैं। इन्हें पीपीपी माडल के अंतर्गत संचालित करने की तैयारी थी।
पिछले वर्ष प्रदेश के 31 पालीटेक्निक को पीपीपी माडल पर चलाने की योजना बनाई गई थी। इसके अंतर्गत कई जिलों के राजकीय पालीटेक्निक को चयनित किया गया था। इसके साथ ही 40 आइटीआइ को भी निजी हाथों में देने की रूपरेखा तैयार की गई थी। फिलहाल वहां पर कोर्स संचालित कराने को लेकर संशय बना हुआ है। छह पालीटेक्निक के भवन बन गए हैं। उनमें 2021-22 से पढ़ाई चालू करने की प्लानिंग है। इधर एआइसीटीई की ओर से मान्यता नहीं मिल सकी है। प्राविधिक शिक्षा निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि मान्यता के लिए सभी पहलुओं पर काम चल रहा है। उनके नाम के अनुरूप तैयारी की जा रही है। मान्यता के लिए अधिकारियों से बातचीत की जाएगी।
कई संस्थानों में दाखिले नहीं हो रहे: पालीटेक्निक के कई कोर्स पहले ही बंद करने के लिए सूचीबद्ध कर दिए गए हैं। इनमें एक और दो वर्षीय कुछ कोर्स शामिल हैं। इनमें पिछले कुछ वर्षों से छात्र-छात्राएं दाखिला नहीं ले रहे हैं। ज्यादातर सीटें खाली रह जाती हैं।
आनलाइन पढ़ाई पर विचार विमर्श: पालीटेक्निक के अधिकारी नए सत्र से आनलाइन पढ़ाई को लेकर विचार विमर्श कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण के बाद से आनलाइन पढ़ाई हो रही है। शिक्षकों को भी आनलाइन ही प्रशिक्षण दिया जा रहा है।