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RGANews
जंक्शन में मां के पास सो रही सालभर की मासूम को देर रात एक बच्चा चोर लड़का समझकर उठा ले गया। असलियत पता चलने पर आरोपी ने उसे भमोरा में दलदल में फेंक दिया। बुधवार सुबह वहां से गुजर रहे एक शख्स ने बच्ची के रोने की आवाज सुनी तो उसे कीचड़ से निकाला और पुलिस को सूचना दी। इसके बाद भमोरा पुलिस ने जंक्शन जीआरपी से संपर्क किया।
पीलीभीत के बिहारीपुर शिवनगर में रहने वाले सुखलाल का विवाह कुछ वर्ष पहले पिंकी से हुआ था। दंपति का एक बेटा और एक बेटी है। सोमवार को पिंकी का पति से किसी बात पर झगड़ा हो गया। इसके बाद सुखलाल ने उसे एक साल की बेटी लक्ष्मी के साथ घर से निकाल दिया। पिंकी बच्ची को लेकर ननद के यहां निगोही (शाहजहांपुर) चली गई।
मंगलवार शाम वह अंबाला कैंट में रहने वाली अपनी बहन के यहां जाने के लिए शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पहुंची और गलती से जनता एक्सप्रेस में सवार हो गई। जब उसने यात्रियों से पूछा तो पता चला कि ट्रेन अंबाला नहीं हरिद्वार जाएगी। इसके चलते वह बरेली जंक्शन पर उतर गई। रात होने के कारण पिंकी ने दूसरी ट्रेन नहीं पकड़ी और प्लेटफार्म नंबर दो पर बच्ची को लेकर सो गई।
सुबह आंख खुलने पर बच्ची को पास न देखकर पिंकी के होश उड़ गए। वह काफी देर तक प्लेटफार्म पर बच्ची को ढूंढती रही। जब बच्ची नहीं मिली तो उसने जीआरपी थाने में सूचना दी। जीआरपी इंस्पेक्टर ने तत्काल एक टीम गठित कर बच्ची की तलाश शुरू की। साथ ही जिले के सभी थानों को वायरलेस से यह सूचना भेज दी।
जंक्शन से 27 किमी दूर मिली बच्ची
बच्ची जंक्शन से 27 किमी दूर भमोरा में ओरियंटल बैंक के पीछे दलदल में मिली। बुधवार सुबह देवचरा निवासी वीरेश मौर्या बैंक के सामने से गुजर रहे थे, तभी उन्हें बच्ची के रोने की आवाज सुनाई दी। वीरेश ने बच्ची को कीचड़ से निकाला और भमोरा थाना पुलिस को सूचना दी। भमोरा थाने से दोपहर करीब 12 बजे जंक्शन जीआरपी को फोन गया। पुलिस ने व्हाट्सएप पर बच्ची का फोटो भी जीआरपी को भेजा। बेटी का फोटो देखकर पिंकी की आंखें भर आईं। इसके बाद जीआरपी बच्ची को बरेली लेकर आई। दोपहर में बच्ची को मां के सुपुर्द कर दिया गया।
जैसे ही महिला ने बच्ची के गायब होने की सूचना दी एक टीम बनाकर बच्ची को जंक्शन पर तलाश कराया गया। बच्ची का कुछ पता नहीं चला तो जिले के सभी थानों को मैसेज भेजा गया। बच्ची भमोरा में मिली। आरोपी की तलाश की जा रही है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
-विजय कुमार, इंस्पेक्टर, जीआरपी बरेली जंक्शन
शुक्र था, जो बच गई बच्ची की जान
वह तो अच्छा हुआ जो देवचरा के वीरेश मौर्या ने बच्ची की चीख बैंक के पीछे दलदल में सुन ली। बच्ची के रोने की आवाज सुनकर वह बैंक के पीछे गए तो कीचड़ से सनी बच्ची को देखकर उनके होश उड़ गए। छट से बच्ची को गोद में उठाया। एक मासूम बच्ची दलदल में पड़ी थी। उसका सिर दलदल से बाहर था। वहां सैकड़ों की संख्या में लोगों की भीड़ लग गई। पुलिस को बुलाया गया। किसी ने सुबह के समय ही बच्ची को वहां फेंका था। अगर रात में फेंकता तो जंगली जानवर ही नोंचकर खा जाते। वीरेश बच्ची को घर ले गए। नहलाया और धुलाया। इसके बाद पुलिस के हवाले कर दिया।
रात दो बजे के बाद बच्ची हुई चोरी
पिंकी का कहना है कि रात करीब दो बजे तक बच्ची उसके पास सो रही थी। इसके बाद वह गहरी नींद में सो गई। इसी बीच कोई बच्ची को उठा ले गया। जहां से बच्ची चोरी हुई। वहां आसपास कोई दुकान भी नहीं थी।
लड़का के चक्कर में लड़की चोरी
पुलिस का कहना है कि संभवता आरोपी ने बच्ची को लड़का समझकर चोरी किया। जब उसे हकीकत पता चली तो उसने बच्ची को फेंक दिया। चोर को पता था कि बैंक के खुलते ही यहां लोगों का आना-जाना होगा। शायद इसीलिए उसने बैंक के पीछे बच्ची को फेंका।
जंक्शन बना अपराधियों का अड्डा
बरेली जंक्शन अपराधियों का अड्डा बनता जा रहा है। कुछ माह पहले जंक्शन से एक मानसिक मंदित युवती को भी अगवा कर लिया गया था। तीन लोगों ने फतेहगंज पश्चिमी ले जाकर युवती को बेच दिया था। वह तो अच्छा हुआ कि युवती मानसिक मंदित थी। इसलिए आरोपियों ने उसे छोड़ दिया। जीआरपी ने इस मामले में आरोपी महिला और उसके दो साथियों को पकड़ा था।