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बरेली प्रदेश का पहला ऐसा जिला बन गया है, जहां गरीब और उत्पीड़न की शिकार महिलाएं ई-रिक्शा चलाएंगी। प्रशासन ने पीड़ित महिलाओं को स्वालंबी और आत्म निर्भर बनाने के लिए बैंकों से ई-रिक्शा खरीदने के लिए कम ब्याज पर लोन दिलाया है। ई-रिक्शा लेने वाली कई महिलाएं तीन तलाक पीड़ित हैं। बुधवार को कमिश्नर-डीएम और सीडीओ ने हरी झंडी दिखाकर महिलाओं के ई-रिक्शा को कमिश्नरी से रवाना किया। प्रशासन ने 10 महिलाओं को ई-रिक्शा वितरित किए हैं।
बुधवार को कमिश्नरी में महिला ई-रिक्शा वितरण समारोह का आयोजन किया गया। ई-रिक्शा वितरित करने से पहले कमिश्नरी सभागार में महिला स्वयं सहायता समूहों की स्वयं सेवियों के साथ कमिश्नर ने मीटिंग की। महिला स्वयं सहायता समूहों की आमदनी बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रशासनिक प्रयास के बारे में फीडबैक लिया। महिलाओं ने भी अफसरों से सवाल-जवाब किए। मीटिंग के बाद 10 महिलाओं के ई-रिक्शा को हरी झंडी दिखाकर अफसरों ने रवाना किया। महिलाएं कमिश्नरी से खुद ही ई-रिक्शा चलाकर ले गईं। सीडीओ सत्येंद्र कुमार ने बताया कि ई-रिक्शा लेने की इच्छुक महिलाओं का पहले ड्राइविंग लाइसेंस बनवाया गया। उनको ई-रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग दी गई।
बच्चों को घर से स्कूल तक पहुंचाएंगी
प्रशासन महिलाओं के ई-रिक्शा को स्कूलों से अटैच कराने की तैयारी कर रहा है। कई स्कूलों ने सहमति भी दी है। महिला अपने ई-रिक्शा से बच्चों को घर से स्कूल तक पहुचाएंगी। परसाखेड़ा औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाली महिला वर्कर को भी लाने और पहुंचाने के लिए भी ई-रिक्शा को लगवाने की योजना है।
इनको मिले ई-रिक्शा
सिविल लाइंस आवास विकास की फरहाना, सहसवानी टोला की गुड़िया बी, सूफी टोला की नाजमा बी, कटघर की तैयबा, मलूकपुर की शाहीन फातिमा, जोदी नवादा की रेशमा और पुष्पा देवी, शांति विहार की रीना सिंह और निधि सक्सेना और फलटून गंज की गीता रानी शामिल हैं।
महिला समूहों का सम्मान
स्कूल ड्रेस की सिलाई समेत आत्मनिर्भर बनने के लिए बेहतरीन काम करने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों को कमिश्नर से सम्मानित किया। कमिश्नर ने जय दुर्गे मां, गंगा ,साई, परावी और तवस्सुम महिला स्वयं सहायता समूह की स्वयंसेवियों को प्रशास्ति पत्र दिए।
महिला स्वावलंबन व सशक्तीकरण: एक प्रयास का विमोचन
एक वर्ष में महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में की प्रशासनिक पहल को एक पुस्तक के जरिए पब्लिक तक पहुंचाने की कोशिश अधिकारियों ने की है। कमिश्नरी में महिला स्वावलंबन व सशक्तीकरण: एक प्रयास का विमोचन किया गया। इस मौके कमिश्नर पीवी जगनमोहन, डीएम वीरेंद्र सिंह और सीडीओ सत्येंद्र कुमार, बीओबी के रीजनल हेड जॉय दीप दत्ता राय और सहायक संख्या अधिकारी सलमान जमीन आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
महिला समूहों ने सिल दी 42 हजार स्कूल यूनीफार्म
महिला समूहों को सरकारी स्कूलों के बच्चों की यूनीफार्म तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। 147 महिलाओं ने 42 हजार बच्चों की यूनीफार्म तैयार कर स्कूलों में बांट दी। महिला समूहों को 84 लाख का भुगतान हो चुका है। सेनेटरी नैपकिन बांटने की जिम्मेदारी हर ब्लॉक में 5-5 महिला स्वयं सहायता समूह निभा रहे हैं।
ई-रिक्शा लेने वाली महिलाओं की सुनिए
आवास विकास सिविल लाइंस की फरहाना (35) ने बताया कि मेरा पति के साथ तीन साल से तलाक का केस चल रहा है। मेरी एक बेटी है। परिवार पालने के लिए मैंने ई-रिक्शा लेने का फैसला किया। प्रशासन ने मेरी मदद की। डीएल से लेकर ट्रेनिंग तक सब प्रशासन ने कराई।
मलूकपुर की शाहीन फातिमा (37) ने बताया कि मेरे पति की मौत हो चुकी है। परिवार में आमदनी का कोई जरिया नहीं है। प्रशासन की ई-रिक्शा योजना के बारे में जानकारी मिली। मैंने आवेदन किया, प्रशासन ने बैंक लोन कम ब्याज पर दिलवा दिया। मैं स्कूली बच्चों को लाने और ले जाने में ई-रिक्शा का इस्तेमाल करूंगी।