सिरसा में सिंचाई के लिए पानी की खातिर फिर भड़के किसान, सिंचाई विभाग कार्यालय का किया घेराव

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RGAन्यूज़

सिंचाई विभाग के एसई कार्यालय पर नारेबाजी करते किसान।

सिरसा में सिंचाई के पानी के लिए एक बार फिर किसानों ने नाराजगी जाहिर की। सिंचाई विभाग कार्यालय पर किसानों ने प्रदर्शन किया। महीने में 15 दिन नहरों में पानी देने की मांग उठाई। 31 मई को भी किसान प्रदर्शन कर चुके है

सिरसा, किसानों ने सिंचाई पानी की समस्या व मांगों को लेकर सिंचाई विभाग कार्यालय स्थित एसई कार्यालय का घेराव किया। किसानों ने नारेबाजी करते हुए पानी की समस्या हल नहीं होने तक अनिश्चितकालीन धरना देने की चेतावनी दी है। इससे पहले विभिन्न गांवों के किसान हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा के नेतृत्व में कार्यालय में एकत्रित हुए। किसानों ने इससे पहले 31 मई को भी सिंचाई पानी की समस्या को लेकर धरना दिया था। जिस पर सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता आत्मराम भांभू ने सिंचाई पानी को लेकर आश्वासन दिया। वहीं किसानों ने दो सप्ताह के बाद फिर से धरना देने की चेतावनी दी थी।

वाहनों में पहुंचे किसान

सिंचाई विभाग कार्यालय में किसान सुबह 10 बजे एकत्रित होने शुरू हो गए। विभिन्न गांवों से वाहनों में नारेबाजी करते हुए किसान पहुंचे। डीएसपी आर्यन चौधरी के नेतृत्व में भारी पुलिस बल तैनात किया हुआ था। हरियाणा किसान मंच के प्रदेशाध्यक्ष प्रह्लाद सिंह भारूखेड़ा ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने 31 मई को सिंचाई पानी की समस्या व अन्य मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया था। इसके बाद अभी तक अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। जिससे किसानों को काफी दिक्कतें हो रही है। किसानों को मजबूरी में प्रदर्शन करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि गर्मी के मौसम में लोग बेहाल हैं। ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में पीने का पानी नहीं है। जिससे लोगों को खरीदकर पानी पीना पड़ रहा है।

किसान बोले- 15 दिन दिया जाए नहरों में पानी

किसान नेता लखविंद्र सिंह लक्खा, गुरदीप सिंह झिड़ी, सुरजीत सिंह, नरेद्र कुमार ने कहा कि किसानों की मांग है कि नहरों में पानी 15 दिन दिया जाए। खेती के लिए ट्यूबवेल कनेक्शन जारी किए जाएगा। इसके लिए सभी रद की जाए। किसानों को फसलों का मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग पूरी नहीं होगी। तब तक आंदोलन जारी रहेगा। किसानों को सिंचाई पानी नहीं मिलेगा तो वह बिजाई कैसे करेगा। उन्होंने कहा कि टेल पर पड़ने वाले गांवों में बूरा है।

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