कोरोना वायरस संक्रमण काल में सबसे ज्यादा प्रभावित हुई शिक्षा, सेल्‍फ फाइनेंस कॉलेजों ने रखी अपनी बात

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RGA न्यूज़

दैनिक जागरण की वेबीनार में अपना पक्ष रखते कॉलेज संचालक।

दैनिक जागरण द्वारा आयोजित वेबिनार में सेल्फ फाइनेंस कालेजों ने रखी समस्याएं। परीक्षा शुल्क प्रवेश परीक्षा प्रणाली वेब रजिस्ट्रेशन आदि मुद्दे उठे। अगर माध्यमिक के छात्रों के परीक्षा शुल्क पर सरकार रोक लगा सकती है तो कालेज जाने वाले छात्रों के लिए भी सोचना चाहिए।

आगरा:- कोरोना काल में सबसे ज्यादा शिक्षा प्रभावित हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति बेहद खराब है। सरकार को छात्र हित में फैसला लेना होगा। अगर माध्यमिक के छात्रों के परीक्षा शुल्क पर सरकार रोक लगा सकती है तो कालेज जाने वाले छात्रों के लिए भी सोचना चाहिए। पिछले साल कोरोना की वजह से छात्रों को प्रोन्नत कर दिया गया, इस साल भी यही हुआ। प्रोन्नत करना होता है तो विश्वविद्यालय परीक्षा शुल्क क्यों लेता है? पिछले साल के शुल्क को भी समायोजित नहीं किया गया। दो साल से कालेजों में प्रवेश हो गए हैं। ढेर परेशानियां हैं, पर कहें किससे क्योंकि विश्वविद्यालय में हमारी समस्याओं की सुनवाई ही नहीं होती है। यह कहना था सेल्फ फाइनेंस कालेज संचालकों का, जो दैनिक जागरण द्वारा आयोजित वेबिनार में कोरोना काल में आई समस्याओं पर चर्चा कर रहे थे।

यह उठे मुद्दे-

- पिछले साल भी छात्रों से परीक्षा शुल्क लिया गया, इस साल भी लिया गया। उन्हें समायोजित क्यों नहीं किया जा रहा है?

- सरकारी और एडेड कालेजों के छात्रों के परीक्षा शुल्क जमा कराने के लिए अलग व्यवस्था है। सेल्फ फाइनेंस कालेज के छात्रों के लिए अलग है। यह भेदभाव क्यों?

- सेल्फ फाइनेंस कालेज के छात्रों से कहा गया कि वे साइबर कैफे में जाकर परीक्षा फार्म भरें, लाग इन करें। जबकि लाकडाउन में साइबर कैफे बंद हैं।ग्रामीण इलाकों में स्थितियां ज्यादा विपरीत हैं।एेसे में छात्रों के सामने परीक्षा फार्म भरने में काफी दिक्कत आई।

- जब परीक्षाएं आनलाइन कराई जा रही हैं तो वायवा आफलाइन क्यों कराया जा रहा है?

- ओएमआर प्रणाली से परीक्षा छात्र हित में नहीं है।

- बीएड और डीएलएड में प्रवेश ही नहीं हो रहे हैं। कालेज संचालकों के सामने आर्थिक संकट है, विश्वविद्यालय की तरफ से कोई सहयोग नहीं है।

- बीएड की प्रवेश परीक्षा कराने की बजाय सीधा काउंसलिंग कराई जाए।

- अन्य राज्यों की तरह बारहवीं के बाद डीएलएड में सीधे प्रवेश दिए जाएं।

- पिछले साल से बिना किसी सूचना के परीक्षा शुल्क भी बढ़ा दिया गया है।

- वेब रजिस्ट्रेशन के नाम पर छात्रों से अधिक शुल्क लिया जा रहा है।छात्र पहले वेब रजिस्ट्रेशन कराएं, फिर फीस भरें, उसके बाद परीक्षा शुल्क भी दें।

- सरकारी व एडेड कालेजों के परीक्षा केंद्र नहीं बदले जाते जबकि शासनादेश के बावजूद छात्राओं के परीक्षा केंद्र बदल दिए जाते हैं।

वेबिनार में शामिल हुए यह लोग

- सेल्फ फाइनेंस कालेज एसोसिएशन के अध्यक्ष ब्रजेश चौधरी, एसोसिएशन के महामंत्री आशुतोष पचौरी,राम देवी कालेज के निदेशक वरूण सिंह, एमआर (पीजी) महाविद्यालय के निदेशक डा. बीके शर्मा, श्री बालाजी महाराज महाविद्यालय के सचिव श्याम पांडेय, जितेंद्र यादव, ब्रजेश बघेल, डा. हरबिलास सिंह आदि।

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