वोटों की बिसात बिछाने के लिए कोरोना महामारी को भूले राजनीतिक दलों के लोग

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RGA न्यूज़

कोविड-19 गाइडलाइन का कई राजनीतिक दलों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता पालन नहीं कर रहे हैं।

 कोरोना संक्रमण काल में बचाव के नियम को नजरअंदाज करना समुदाय को खतरे में डालने जैसा है। शादी-विवाह जैसे आयोजन में भी प्रशासन 50 या अधिकतम 100 लोगों को ही अनुमति दे रहा है फिर भी राजनीतिक बैठकों में इससे अधिक लोग जुट रहे हैं

प्रयागराज:- कोरोना संक्रमण अभी खत्म नहीं हुआ है, वायरस से संक्रमित होने की आशंका बराबर बनी हुई है। इसके बावजूद कुछ राजनीतिक पार्टियां इसे नजरअंदाज कर चुनावी तैयारी में जुटी हैं। 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में कोरोना गाइडलाइन को धता बनाने से भी कुछ लोग परहेज नहीं कर रहे हैं।  बसपा की फिजिकल बैठकें भी कोविड प्रोटोकॉल को मुंह चिढ़ा रही हैं

नियम से खिलवाड़ है जानलेवा, रहें सतर्क

कोरोना संक्रमण काल में बचाव के नियम को नजरअंदाज करना समुदाय को खतरे में डालने जैसा है। शादी-विवाह जैसे आयोजन में भी प्रशासन 50 या अधिकतम 100 लोगों को ही अनुमति दे रहा है, फिर राजनीतिक बैठकों में इससे अधिक लोग जुट रहे हैं। इसमें मास्क का इस्तेमाल भी नहीं हो रहा है। यह सवाल भी उठ रहे हैं।

शहर में बड़ी बैठक और प्रशासन की मौन स्वीकृति

बहुजन समाज पार्टी की बैठकें शहर में ही लगातार हो रही हैं। इसमें कार्यकर्ता से लेकर सेक्टर प्रभारी तक जुट रहे हैं। इन आयोजन पर कोई रोकटोक भी नहीं। जबकि इसमें शहरी और ग्रामीण इकट्ठे हो रहे हैं। चुनाव की ऐसे समय तैयारी घातक हो सकती है।

वर्चुअल भी हो सकते हैं आयोजन

कोरोना की दूसरी लहर अभी पूरी तरह गई नहीं है, इसलिए सभी को सुरक्षित रहना होगा। जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव की तैयारी भी जरूरी है तो कार्यकर्ताओं को पदाधिकारियों द्वारा वर्चुअल भी निर्देशित किया जा सकता है। कोरोना संकट के समय जरूरी काम का विकल्प खोजते हुए सभी को साथ खड़े रहना होगा।

आज जुट रहा जनसमूह

बसपा का एक बड़ा जनसमूह बुधवार को भी राजापुर स्थित एक गेस्ट हाउस में जुट रहा है। इसमें 200 लोगों के शामिल होने की संभावना है। पार्टी के सभी वरिष्ठ और कनिष्ठ पदाधिकारी व कार्यकर्ता बुलाए गए हैं। जिलाध्यक्ष अभिषेक गौतम ने बैठक का आवाहन किया है।

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