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एसपी ने डकैत गिरोह के बारे में जानकारी दी है।
यूपी और मध्यप्रदेश के जंगलों में डेरा जमाए डकैत गौरी यादव पर शिकंजा कसने लगा है अबतक पुलिस उसके चार मददगारों को गिरफ्तार कर चुकी है। अब एमपी की धारकुंडी पुलिस ने लुटनी के जंगल में महिला मददगार को पकड़ा है।
चित्रकूट, उप्र और मप्र के डेढ़ लाख रुपये के इनामी डकैत गौरी यादव पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है। एक सप्ताह के अंदर उसके चार मददगारों को दबोचा है। इनमें से एक महिला मददगार को मंगलवार को मध्यप्रदेश की धारकुंडी पुलिस ने पकड़ा है। उसकी निशानदेही पर तमंचा और कारतूसों का जखीरा बरामद हुआ है
एसपी सतना धर्मवीर सिंह ने बताया कि मुखबिर से पता चला कि लुटनी के जंगल के रास्ते डकैत गौरी यादव की मददगार गुडिय़ा कोल मझगवां रेलवे स्टेशन जा रही है। धारकुंडी थाना प्रभारी आशीष ध्रुर्वे ने फोर्स के साथ घेराबंदी की, तभी उत्तर प्रदेश की ओर से जंगल के रास्ते एक महिला और पुरुष बच्चा लेकर आते दिखे। पुलिस देखकर छिप रहे दोनों को दबोच लिया गया। अपने नाम भैरम कोल और गुडिय़ा कोल बताए, जो पति-पत्नी हैं। दोनों चित्रकूट के बहिलपुरवा थानांतर्गत घाटा कोलान के निवासी हैं। डकैत गौरी के बारे में पूछताछ पर भैरम ने बताया कि वह बाहर काम करता है और कभी-कभी घर आता है। वहीं, गुडिय़ा ने स्वीकारा कि उसकी डकैत से मोबाइल फोन पर बात होती है। उसे खाना पहुंचाने के साथ अन्य जानकारी देती है।
गौरी के साथ तीन डकैत, एक माह पहले हुई थी मुलाकात
गुडिय़ा ने बताया कि गौरी को एक महीने पहले खाना और अन्य सामग्री देने लुटनी के जंगल गई थी। उस समय उसके साथ तीन डकैत और थे। काफी संख्या में तमंचे व कारतूस उनके पास थे। उसने चारों को खाना दिया था। तब गौरी ने लुटनी के जंगल में बने शंकर भगवान के मंदिर से थोड़ी दूर बरगद के पेड़ के नीचे गड्ढा खोद कर तमाम कारतूस, तमंचा और तमंचे रखने के बेल्ट व पट्टे दबाए थे। उसने बताया कि गौरी उस पर बहुत विश्वास करता है। वह जब भी इन जंगलों में आता है। खाना के लिए उसे फोन करता था। यह बात उसके पति को नहीं मालूम है। इस पर पुलिस ने पति को जाने दिया।
गुडिय़ा की निशानदेही पर निकाले कारतूस
गुडिय़ा की निशानदेही पर बताए गए ठिकाने पर खोदाई से रायफल और तमंचों के कारतूस के साथ ही अन्य सामग्री मिली। बरामद सामान में 12 बोर का देसी तमंचा, 104 कारतूस, बेल्ट, मोबाइल और कपड़े हैं।