पिथौरागढ़ में आपदा मद से हाल ही में बनी पेयजल लाइन आपदा से पहले ही क्षतिग्रस्त

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RGA न्यूज़

यह पेयजल लाइन वर्ष 2020 की आपदा में क्षतिग्रस्त हो गई थी।

बड़ी मुश्किल से पेयजल योजना की मरम्मत के लिए विभाग ने आपदा मद से डेढ़ लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की। इसके टेंडर लगे और ठेकेदार ने पेयजल लाइन की मरम्मत की। पेयजल लाइन की मरम्मत के बाद ग्रामीणों को इस बार मानसून काल में पानी मिलने की आस थी।

 पिथौरागढ़:- दैवीय आपदा से क्षतिग्रस्त सार्वजनिक सम्पत्त्तियों की मरम्मत का कार्य किस ढंग से होता है इसके दृष्टांत गटघोगाड़ी गांव और नाचनी -बांसबगड़ पेयजल योजना बनी है। बीते वर्ष की आपदा में क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की मरम्मत के बाद इस वर्ष आपदा की दस्तक से पूर्व ही पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है।

विकास खंड मुनस्यारी के गटघोगाड़ी के लिए एक स्रोत से पेयजल योजना बनाई गई है। इसके लिए लगभग डेढ़ से दो किमी लंबी पेयजल लाइन है। यह पेयजल लाइन वर्ष 2020 की आपदा में क्षतिग्रस्त हो गई थी। ग्रामीण लंबे समय तक प्राकृतिक जल स्रोतों पर निर्भर रहे। बड़ी मुश्किल से इस पेयजल योजना की मरम्मत के लिए विभाग ने आपदा मद से डेढ़ लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की। इसके टेंडर लगे और ठेकेदार ने पेयजल लाइन की मरम्मत की। पेयजल लाइन की मरम्मत के बाद ग्रामीणों को इस बार मानसून काल में नलों से पानी मिलने की आस बनी थी।

ग्रामीणों की यह आस निराशा में बदल चुकी है। बीते वर्ष की आपदा से क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की आपदा मद से मरम्मत के बाद इस वर्ष आपदा काल से पूर्व ही पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है। ग्रामीण एक बार फिर जलस्रोतों पर निर्भर हैं। ग्रामीणों ने मरम्मत कार्य की जांच की मांग की हे। इसी क्षेत्र में नाचनी - बांसबगड़ पेयजल योजना की पेयजल लाइन के पाइप लटक रहे हैं। इस योजना की मरम्मत में वर्ष 2019-20 में विभाग ने दो करोड़ की धनराशि व्यय की । दो करोड़ की धनराशि व्यय होने के बाद भी पेयजल लाइन के पाइप लटक रहे हैं। यह क्षेत्र जिले के प्रमुख आपदाग्रस्त क्षेत्र में आता है। मानसून काल में पाइप लाइन बहने के पूर्ण आसार बने हैं।

ग्राम प्रधान नीमा देवी ने बताया कि देश में प्रधानमंत्री ने जल जीवन मिशन योजना चलाई है। घर -घर नल योजना चल रही है। हमारे गांव में पाइप लाइन ही प्रतिवर्ष बह जाती है। इस वर्ष तो आपदा से पूर्व ही पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो चुकी है। मरम्मत के बाद पेयजल लाइन के क्षतिग्रस्त होने के कारणों की जांच होनी चाहिए।

जल संस्थान के अवर अभियंता चेतन कुमार का कहना है कि घटगोगाड़ी पेयजल लाइन पिछले वर्ष की आपदा में क्षतिग्रस्त हो गई थी। विभाग ने इसकी मरम्मत आपदा मद से की है । अभी तक ठेकेदार को भुगतान तक नहीं किया गया है। इस योजना में जो भी खराबी आई है उसके लिए ठेकेदार को कहा गया है। ठेकेदार कार्य कर जल्दी लाइन में पानी चलाएगा।

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