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RGA न्यूज़
एनएच ने शुक्रवार दोपहर तक मार्ग खुलने की संभावना जताई है।
मैदानी क्षेत्र से जोडऩे वाला एनएच तीसरे दिन भी यातायात के लिए बंद रहा। मार्ग के शुक्रवार दोपहर तक खुलने के आसार हैं। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग नौवें दिन भी बंद रहा। मुनस्यारी विकास खंड में दो मार्ग विगत छह दिनों से बंद हैं।
पिथौरागढ़:- पिथौरागढ़ को बाहरी जिलों सहित मैदानी क्षेत्र से जोडऩे वाला एनएच तीसरे दिन भी यातायात के लिए बंद रहा। मार्ग के शुक्रवार दोपहर तक खुलने के आसार हैं। मार्ग बंद होने से पिथौरागढ़ से हल्द्वानी के लिए यातयात वाया थल- सेराघाट होकर चल चरहा है। तीन दिनों से मार्ग में फंसे लोग पैदल पिथौरागढ़ आ रहे हैं। हल्द्वानी में मृत एक व्यक्ति का शव भी मार्ग में फंसा है। कैलास मानसरोवर यात्रा मार्ग नौवें दिन भी बंद रहा। मुनस्यारी विकास खंड में दो मार्ग विगत छह दिनों से बंद हैं। बुधवार रात्रि को बारिश नहीं होने से नदियों का जलस्तर स्थिर बना है।
ऑलवेदर सड़क में घाट से पिथौरागढ़ के मध्य दिल्ली बैंड, चुपकोट बैड के पास मार्ग बंद है। घाट के निकट दिल्ली बैंड के पास स्थिति बेहद खतरनाक बनी है। एनएच ने पूर्व में मार्ग को बुधवार सायं पांच बजे तक खोलने का दावा किया था परंतु बुधवार को मार्ग नहीं खुल सका। बाद में एनएच ने गुरु वार सायं पांच बजे तक मार्ग खुलने की संभावना जताई है। एनएच ने शुक्रवार दोपहर तक मार्ग खुलने की संभावना जताई है। एनएच के अनुसार इस स्थल पर पहाड की तरफ से लगातार पत्थर गिर रहे हैं।
विगत तीन दिनों से फंसे वाहन अभी भी नहीं निकल सके हैं। वाहनों में सवार यात्रीगण परेशान हैं। कुछ यात्री तो पैदल चल कर गंतव्य को पहुंच चुके हैं परंतु वृद्ध, बच्चे और महिलाओं के सम्मुख संकट पैदा हो गया है। अपने वाहनों से आए यात्रियों को वाहनों में रात बितानी पड़ रही है। भोजन और पानी की समस्या पैदा हो चुकी है। विभिन्न संगठनों ने प्रशासन से मार्ग में फंसे यात्रियों के लिए भोजन आदि की व्यवस्था की मांग की है।
मंगलवार की सायं से फंसे कई वाहन मार्ग बदल कर वाया गंगोलीहाट से होकर पिथौरागढ को आ रहे हैं। गुरु वार को वाहन संचालन पिथौरागढ़ से वाया थल, बेरीनाग, सेराघाट होकर किया गया है। इस मार्ग से वाहनों को साठ किमी की अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ रही है और यात्रियों को अतिरिक्त किराया वहन करना पड़ रहा है। जिले में गैस और तेल वाहन नहीं पहुंचने से गैस और तेल का संकट पैदा होने े के आसार बन चुके हैं। भारी बारिश से विकास खंड मूनाकोट के बनी गांव में माधव चंद्र ओझा के मकान के आंगन की दीवार टूट गई है और मकान खतरे में आ गया है।